ऊन किसे कहते हैं ? ऊन निर्माण की प्रक्रिया
ऊन किसे कहते हैं ? ऊन निर्माण की प्रक्रिया
ऊन किसे कहते हैं ? ऊन निर्माण की प्रक्रिया in Hindi
ऊन किसे कहते हैं ?
- ऊन (Wool)- भेड़, बकरी, ऊँट, याक, खरगोश आदि अनेक जन्तुओ के बालों से ऊन प्राप्त की जाती है। तंतु रूपी मलायम बाल ही ऊन बनाने के लिए उपयोग में लिए जाते हैं।
ऊन निर्माण की प्रक्रिया
- रेशों को ऊन में परिवर्तित करना : रेशों से ऊन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है
- सर्वप्रथम भेड़ के शरीर से बालों को उतार लिया जाता है। इसे ऊन की कटाई कहते हैं। यह प्रक्रिया सामान्यतः गर्मी के मौसम में की जाती है जिससे भेड़ों के शरीर पर बालों के सुरक्षात्मक आवरण के ना होने पर भी उन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
- भेड़ों से उतारे गए बालों से चिकनाई, धूल आदि को हटाने की प्रक्रिया को अभिमार्जन कहते हैं। इसके लिए इन बालों को बड़ी-बड़ी टंकियों में डालकर धोया जाता है।
- बालों से छोटे-छोटे कोमल व फूले हुए रेशे जिन्हें बर कहते हैं, अलग कर लिया जाता है। फिर बालों को सुखा लेते हैं तथा पुनः अभिमार्जन कर उन्हें पुनः सुखा लेते हैं।
- रेशों को सीधा करके सुलझाना और फिर लपेटकर धागा बनाना रीलिंग कहलाता है।
- देश के कुछ भाग जैसे जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र में कश्मीरी बकरी या अंगोरा नस्ल की बकरियों से ऊन प्राप्त की जाती है। यह ऊन अधिक मुलायम होती है और इससे बनने वाली शॉलें पश्मीना शॉलें कहली हैं। हमारे देश के अनेक राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, अरूणाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात आदि में भेडों को ऊन के लिए पाला जाता है।
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