दिल्ली सल्तनत or लोदी वंश
दिल्ली सल्तनत 1206 से 1526 ई.
- दिल्ली सल्तनत के अन्तर्गत 1206 से 1526 तक इतिहास का अध्ययन किया जाता है। इन 320 वर्षों के इतिहास में पांच वंशो ने शासन किया।
सल्तनत के राजवंश |
1. गुलाम वंश – (1206-1290 ई.) |
2. खिलजी वंश – (1290-1320 ई.) |
3. तुगलक वंश – (1320-1414 ई.) |
4. सैय्यद वंश – (1414-1451 ई.) |
5. लोदी वंश – (1451-1526 ई.) |
5. लोदी वंश – (1451-1526 ई.)
- लोदी वंश के शासक अफगान थे। यह अफगानों की साहूखेल शाखा से सम्बंधित थे।
बहलोल लोदी (1451-89 ई.)
- यह लोदी वंश का संस्थापक था। यह दिल्ली के सुल्तानों में सर्वाधिक समय तक शासन किया।
- इसने अफगान अमीरों के साथ समानता का व्यवहार किया।
- यह कभी ऊंचे सिंहासन पर नहीं बैठा बल्कि यह कालीन पर बैठता था और इसके चारों तरफ इसके अमीर बैठते थे।
- इसने बहलोली नामक चांदी की मुद्रा प्रचलित की जो टंका के मूल्य का 1/3 थी। यह अकबर के समय तक विनिमय का माध्यम बनी रही।
- बहलोल लोदी जौनपुर के शासक हुसैनशाह शर्की को पराजित कर जौनपुर दिल्ली में मिला लिया।
सिकन्दर लोदी (1489-1517 ई.)
- यह एक हिन्दू मां का पुत्र था। इसकी मां का नाम जैबन्द था। 1504 में इसने आगरा नगर की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया। इसने गज-ए-सिकन्दरी नामक एक प्रामाणिक नाप की इकाई का प्रचलन किया।
- इसने गरीबों और असहायकों को भत्ते देने की व्यवस्था की और जब यह अपने कपड़े और बिस्तर बदलता था तो उसे बेच देता था और उससे अनाथ कन्याओं का विवाह करता था।
- यह एक कवि था। यह फारसी भाषा में गुलरूखी उपनाम से कविताएं लिखता था।
इब्राहिम लोदी (1517-26 ई.)
- यह दिल्ली सल्तनत तथा लोदी वंश का अन्तिम शासक था।
- गद्दी पर बैठते ही इसने ग्वालियर अभियान किया और यहां के शासक विक्रमजीत को पराजित करके इसे अपने अधीन कर लिया।
इस विजय से उत्साहित होकर इसने मेवाड़ अभियान किया लेकिन यहां के शासक राणासांगा से यह पराजित हुआ। - 1525 में बाबर पंजाब को जीतकर आगे बढ़ा और 21 अप्रैल 1526 को पानीपत के मैदान में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच युद्ध हुआ।
- इस युद्ध में इब्राहिम लोदी पराजित हुआ और मारा गया।
- पानीपत के प्रथम युद्ध का परिणाम यह रहा कि भारत में लोदी वंश के शासन का अन्त हुआ और मुगल वंश की स्थापना हुयी।
- इब्राहिम लोदी दिल्ली का एक मात्र सुल्तान है जो युद्ध भूमि में लड़ता हआ मारा गया।
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