प्रतिचक्रवात (Anticyclone) in Hindi
- प्रति चक्रवात वृताकार समवायुदाब रेखाओं द्वारा घिरा एक ऐसा क्रम है जिसके केन्द्र में वायुदाब उच्च होता है और बाहर की ओर वायुदाब क्रमशः घटता जाता है । अतः प्रतिचक्रवात में हवाएँ केन्द्र से परिधि की ओर चलती है । प्रतिचक्रवात स्वभाव, प्रकृति, गुण, वायु व्यवस्था, मौसम आदि के दृष्टिकोण से चक्रवात से विलोम होते हैं। इनको उच्चदाब क्रम तथा कटक भी कहते हैं । आकार की दृष्टि से ये चक्रवातों से अधिक विशाल होते हैं। इनमें हवाओं की गति मन्द होती है तथा ये प्रायः स्थायी होते हैं। इनमें हवाएँ शीतल व धीमी गति से चलती है, आकाश स्वच्छ रहता है । प्रति चक्रवात शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग गाल्टन ने 1861 में किया । विश्व के प्रमुख प्रति चक्रवात 30° अक्षांश के आसपास दोनों गोलार्द्धां में महासागरों पर लगभग स्थायी रूप में पाए जाते हैं। वायुमण्डल के ऊँचे स्तरों में इनका लोप हो जाता है।
प्रतिचक्रवात (Anticyclone) की विशेषताएँ:
- प्रति चक्रवात के केन्द्र में उच्च वायुदाब होता है, जो परिधि की ओर कम होता जाता है ।
- इनमें हवाएँ उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई की दिशा में और दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में चलती है ।
- आकार में चक्रवातों से बड़े होते हैं । इनका आकार प्रायः गोलाकार होता है ।
- प्रति चक्रवातों के आने से मौसम साफ, आकाश स्वच्छ तथा हवाएँ मन्द हो जाती है।
- ये उपोष्ण कटिबंधीय उच्चदाब क्षेत्रों में अधिक उत्पन्न होते हैं ।
प्रतिचक्रवात के प्रकार:
प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक हैंजिल्क ने 1909 में दो भागों में विभाजित किया है :
(1) शीतल प्रति चक्रवात
(2) ऊष्ण प्रति चक्रवात ।
लेकिन जलवायु वेक्ताओं की नवीन खोज के आधार पर
(3) अवरोधी प्रति चक्रवात का प्रादुर्भाव हुआ । अतः प्रति चक्रवात तीन प्रकार के होते हैं ।
(1) शीतल प्रतिचक्रवातः
- इन चक्रवातों की उत्पत्ति ध्रुवीय प्रमुख रूप से आर्कटिक क्षेत्रों में होती है जहाँ से ये पूर्व तथा दक्षिणी पूर्व दिशा में अग्रसर होते हैं। ऊष्ण प्रति चक्रवातों की तुलना में इनका आकार छोटा होता है और ये तीव्र गति से आगे बढ़ते हैं । इनकी गहराई कम होती है तथा ऊँचाई 3000 मीटर से अधिक नहीं होती है। ये दो प्रकार के होते हैं-
(i) अस्थायी व क्षणिक प्रति चक्रवातः ये चक्रवात अधिकतर मार्ग में ही विलीन हो जाते हैं। केवल कुछ ही ऊष्ण प्रदेशों तक पहुँच पाते हैं ।
(ii) अर्द्ध- स्थायी प्रति चक्रवातः ये अधिक सक्रिय होते हैं और इनका मार्ग भी लम्बा होता है । - शीतल प्रति चक्रवातों की उत्पत्ति तापीय होती है। आर्कटिक प्रदेशों में शीतकाल में विकिरण द्वारा अत्यधिक तापमान के कम होने से तथा सूर्यातप कम मिलने से उच्च वायुदाब बन जाता है, जिससे शीतल प्रति चक्रवातों की उत्पत्ति होती है, जिनके प्रमुख रूप से दो मार्ग है- (1) कनाडा के उत्तर में तथा (2) साइबेरिया के उत्तर में ।
(2) ऊष्ण प्रतिचक्रवातः
- इन प्रति चक्रवातों की उत्पत्ति शीतोष्ण उच्च वायुदाब की पेटी में होती है। इस पेटी में हवाओं का अपसरण होता है । इनका आकार विशाल होता है । ये कम सक्रिय होते हैं । यह प्रायः दक्षिणी-पूर्वी सुंयुक्त राज्य अमेरिका व पश्चिमी यूरोपीय देशों में अधिक सक्रिय रहते हैं । इनमें हवा मन्द और आकाश मेघ रहित और स्वच्छ रहते हैं ।
(3) अवरोधी प्रति चक्रवातः
- जलवायुवेत्ताओं की नवीन खोज के आधार पर इस प्रति चक्रवात का प्रादुर्भाव हुआ । क्षोभ मण्डल के ऊपरी भाग में वायु संचार के अवरोध के कारण इन प्रति चक्रवातों की उत्पत्ति होती है । इनमें वायु प्रणाली, वायुदाब तथा मौसम संबंधी विशेषताएँ ऊष्ण प्रति चक्रवातों के समान होती है । इनका आकार छोटा व गति मन्द होती है। ये उ. प. यूरोप, अटलांटिक महासागरिय भाग तथा प्रशान्त महासागर के पश्चिमी भाग में उत्पन्न होते हैं ।
प्रतिचक्रवात (Anticyclone) क्या हैं | प्रतिचक्रवात के प्रकार और विशेषताएँ FAQ –
1. चक्रवात कब होता है?
(A) जब केंद्र में निम्न दाब और चारों ओर उच्च दाब होता है
(B) जब केंद्र में दाब और चारों ओर का दाब बराबर होता है
(C) जब चारों ओर निम्न दाब होता है
(D) जब केंद्र में उच्च दाब और चारों ओर निम्न दाब होता है
2. ‘टॉरनेडो’ क्या है? [RRB 2002]
(A) एक अति उच्च दाब केंद्र
(B) एक अति निम्न दाब केंद्र
(C) एक अति उच्च समुद्री लहर
(D) एक भूमण्डलीय पवन
3. चक्रवात की आकृति किस प्रकार की होती है?
(A) अंडाकार
(B) गोलाकार
(C) त्रिभुजाकार
(D) उपर्युक्त सभी
4. चक्रवात का शांत क्षेत्र क्या कहलाता है?
(A) चक्षु
(B) गर्त
(C) परिक्षेत्र
(D) केंद्र
5. ‘चक्रवात की आंख’ किसकी विशेषता है?
(A) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात की
(B) प्रतिचक्रवात की
(C) उष्णार्द्र चक्रवात की
(D) आक्लूडेड वाताग्र की