मुगल वंश | जहांगीर (1605-1627 ई. )
मुगल वंश | जहांगीर (1605-1627 ई. )
- जहांगीर के बचपन का नाम सलीम था।
- इसका पहला विवाह मानसिंह की बहन मानबाई के साथ हुआ था जिसे इसने शाहबेगम की उपाधि दी।
- 1601 में मानबाई ने अफीम खाकर आत्महत्या कर ली।
- इसका दूसरा विवाह जोधाबाई या जगत गुसाई के साथ हुआ। 1599 में जहांगीर ने अकबर के विरुद्ध विद्रोह किया और इलाहाबाद आकर स्वतंत्र रूप से कार्य करने लगा।
- 1605 में अकबर की मृत्यु के बाद आगरा के किले में इसका राज्याभिषेक हुआ।
- गद्दी पर बैठते ही इसने 12 अध्यादेश जारी किये जिनमें महत्वपूर्ण थे छोटे-छोटे अनेक करों की समाप्ति, मद्यनिषेध, अस्पतालों एवं हकीमों की व्यवस्था, रविवार एवं बृहस्पतिवार को पशुबलि पर रोक तथा पुराने कैदियों की रिहाई।
- जहांगीर एक न्यायप्रिय शासक था, सबको न्याय मिले इसके लिए इसने सोने की जंजीर लगवाई जिसे जंजीरए-अदली के नाम से जाना जाता था। एक जैन संत मानसिंह ने इसके बारे में भविष्यवाणी की थी कि इसका शासन दो वर्ष से अधिक नहीं चलेगा।
जहांगीर काल के प्रमुख अभियान –
खुशरो का विद्रोह
- 1606 में खुशरो विद्रोह करके तनतारन (पंजाब) पहुँचा और सिक्खों के पांचवे गुरु अर्जुन से आशीर्वाद प्राप्त किया। लाहौर के पास भैरावल नामक स्थान पर जहांगीर और खुशरो के बीच युद्ध हुआ जिसमें खुशरो पराजित हुआ और बंदी बना लिया गया।
- जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव को मृत्यु दण्ड दे दिया था।
मेवाड़ अभियान
- इस समय यहां का शासक अमरसिंह था।
- 1614 में खुर्रम के नेतृत्व में मेवाड़ अभियान हुआ।
- खुर्रम के आतंक से घबराकर अमर सिंह ने जहांगीर से संधि करने को तैयार हो गया।
मेवाड़ की संधि
- 1615 में इस संधि के द्वारा अमरसिंह ने मुगलों की अधीनता स्वीकार की। जहांगीर ने चित्तौड़ सहित सम्पूर्ण मेवाड़ अमरसिंह को वापस कर दिया तथा उसके पुत्र कर्णसिंह को मुगलदरबार में उच्च पद प्रदान किया।
दक्षिण अभियान
- अकबर की मृत्यु के बाद अहमदनगर के वजीर मलिक अम्बर के नेतृत्व में अहमदनगर स्वतंत्र हो गया था।
- 1616 में खुर्रम के नेतृत्व में दक्षिण अभियान हुआ तथा इसके आतंक से घबराकर मलिक अंबर ने जहांगीर की अधीनता स्वीकार कर ली।
- दक्षिण विजय के उपलक्ष में जहांगीर ने खीम को शाहजहां की उपाधि दी।
खुर्रम का विद्रोह
- 1623 में खुर्रम ने जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया परन्तु असफल रहा। अंततः 1626 में जहांगीर से इसने क्षमा मांगकर विद्रोह समाप्त कर दिया।
जहांगीर के समय की घटनायें
1. खुशरो का विद्रोह | 1606 ई. |
2. मेवाड़ अभियान | 1614 ई. |
3. अहमदनगर अभियान | 1616 ई. |
4. कंधार की पराजय | 1622 ई. |
5. खुर्रम का विद्रोह | 1623-26 ई. |
6. महावत खाँ का विद्रोह | 1625 ई. |
महत्वपूर्ण तथ्य —
- जहाँगीर का जन्म सीकरी गाँव में हुआ था।
- जहाँगीर ने दानियाल (भाई) के पुत्रों को ईसाई धर्म ग्रहण करने की अनुमति प्रदान की।
- इसकी प्रशंसा स्पेन के तत्कालीन शासक फिलिप III ने किया है।
- मेहरुन्निसा का शाब्दिक अर्थ है ‘अत्यंत प्यारी’।
जहांगीर के 12 अध्यादेश —
- छोटे-छोटे अनेक करों की समाप्ति
2. सड़कों पर चोरी-डकैती रोकने से सम्बन्धित नियम।
3. दूसरों के घरों पर अधिकार करने एवं अंग-भंग का निषेध।
4. मादक पदार्थों के प्रयोग पर रोक।
5. अस्पतालों का निर्माण एवं हकीमों की नियुक्ति।
6. मृत्यु के बाद उत्तराधिकार सम्बन्धी नियम।
7. बृहस्पतिवार एवं रविवार के दिन पशु वध पर रोक।
8. रविवार के दिन का विशेष सम्मान।
9. मनसब एवं जागीरों की पुष्टि।
10. मदद-ए-माश की पुष्टि।
11.धशबी का निषेध अर्थात् अपने कार्य क्षेत्र में वैवाहिक सम्बन्धों पर रोक।
12. कर्मचारियों के वेतनभत्ते में वृद्धि तथा कैदियों की रिहाई।
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