वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere)
वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere)
वायुमण्डल को अनेक परतों में विभाजित किया गया है। सामान्य विचारधारा के अनुसार वायुमण्डल को निम्नलिखित पाँच मुख्य परतों में विभाजित किया गया है, जिसका आधार वायुमण्डल में तापमान का ऊर्द्धवाधर वितरण है-
1. क्षोभ मण्डल ( Troposphere)
2.समताप मण्डल (Stratosphere)
3.मध्य मण्डल (Mesosphere)
4.आयन मण्डल (Ionosphere)
5.बहिर्मण्डल (Exosphere)
1. क्षोभमण्डलः
- यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है, जिसमें वायुमण्डल के कुल भार का 75 प्रतिशत भाग केन्द्रित है । इस परत की धरातल से औसत ऊँचाई 13 किलोमीटर है इसकी ऊंचाई भूमध्य रेखा पर 18 किमी एवं ध्रुवों पर 8 से 10 किमी है। यह वायुमण्डल की सबसे महत्वपूर्ण परत है, क्योंकि सभी मौसमी घटनायें इसी परत में होती है । ऊँचाई में वृद्धि के साथ तापमान में गिरावट इस परत की सबसे बड़ी विशेषता है । इसमें प्रति 1 किमी की ऊँचाई पर 6.5 डिग्री सेल्सियस तापमान गिर जाता है जिसे तापमान की ‘सामान्य ह्यास दर’ कहते हैं । ऋतु तथा मौसम संबंधी लगभग सभी घटनाएँ जो मानव पर प्रभाव डालती है, इसी परत में होती है। इस परत में धूल-कण तथा जलवाष्प सबसे अधिक मात्रा में होते हैं, जिनसे बादल बनते हैं, वर्षा होती है तथा अन्य जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएँ घटती हैं। यह मौसम वैज्ञानिकों के गहन अध्ययन का मण्डल है ।
- क्षोभ मण्डल की ऊपरी सीमा को क्षोभ सीमा कहते हैं । इसकी मोटाई केवल 1.5 किमी है। इस सीमा के ऊपर वायुमण्डलीय स्थिरता रहती है। इसे ‘मौसमी परिवर्तनों की छत’ भी कहते हैं। इस परत से 20 किमी ऊपर तक वायुमण्डल के तापमान का गिरना बंद हो जाता है ।
2. समताप मण्डलः
- धरातल से इसकी औसत ऊँचाई 50 किलोमीटर मानी जाती है । इसकी मोटाई भूमध्य रेखा पर कम तथा ध्रुवों पर अधिक होती है। अनेक वैज्ञानिकों ने ओजोन मण्डल को समताप मण्डल का ही एक भाग मान लिया है जिस कारण इस परत की ऊँचाई 50 से 55 किमी माना जाता है । यहाँ तापमान समान रहने के कारण इस परत को समताप मण्डल कहते हैं। इस मण्डल में ओजोन परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाल पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है ।
3. मध्य मण्डलः
- यह समताप मण्डल के ऊपर 80 किमी की ऊँचाई तक विस्तृत है । इस परत में ऊँचाई के साथ तापमान गिरने लगता है तथा – 80°c रह जाता है। इसके आगे पुनः तापमान बढ़ने लगता है। इस परत में वायुदाब अत्यधिक न्यून होता है । मध्य मण्डल की ऊपरी सीमा को मध्य मण्डल सीमा कहते हैं ।
4. आयन मण्डलः
- यह परत मध्य मण्डल सीमा के ऊपर 80 से 400 किमी की ऊँचाई तक फैली है । इस परत के अस्तित्व का आभास सर्वप्रथम रेडियो तरंगों द्वारा हुआ । यहाँ पर उपस्थित गैस के कण विद्युत आवेशित होते है । ऐसे विद्युत आवेशयुक्त कणों को आयन कहते हैं । अतः इस परत का नाम आयन मण्डल रखा गया है। इसकी ऊपरी सीमा पर तापमान 1100°c हो जाता है । इसी भाग में ‘ध्रुवीय ज्योति’ (Aurora) भी दृष्टिगोचर होती है । इस मण्डल को ‘थर्मोस्फीयर’ भी कहते हैं ।
5. बहिर्मण्डलः
- यह वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत है। इस परत में वायु बहुत ही विरल है और धीरे-धीरे बाह्य अन्तरिक्ष में विलीन हो जाती है। इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है । फिर भी कुछ वैज्ञानिकों ने इसकी ऊँचाई 1000 किमी तक मानी है।
Geography Notes पढ़ने के लिए — यहाँ क्लिक करें ! |
वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere) FAQ –
1. मेघ गर्जन वायुमण्डल की किस परत में होता है? [MPPSC]
(Ans : C)
2. शांत पेटी किस रेखा के दोनों ओर पायी जाती है? [LIC (ADO)]
(Ans : A)
3. भू-पृष्ठ से परावर्तित अवरक्त विकिरण के अवशोषण द्वारा भू-वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि की प्रक्रिया को क्या कहते हैं? [RRB]
(Ans : C)
4. वायमुमण्ड से सबसे अधिक ओजोन कहाँ पर केन्द्रित है? [RRB]
(Ans : C)
5. पृथ्वी के वायुमण्डल का सर्वाधिक घनत्व कहाँ पर होता है? [SSC]
(Ans : A)
6. वायुमण्डल के किस भाग में जलवाष्प की कुल मात्रा का 90 प्रतिशत भाग विद्यमान रहता है? [UP Police]
(Ans : C)
7. पृथ्वी के वायुमण्डल का कितना प्रतिशत भाग 29km की ऊँचाई तक पाजा जाता है? [Force]
(Ans : D)
8. वायुमण्डल में दैनिक मौसम परिवर्तन निम्नलिखित में से किसके कारण होते हैं– [COP, SI,]
(Ans : A)
9. वायुदाब में अचानक आने वाली कमी निम्न में से किसका सूचक होती है? [ITI]
(Ans : B)
10. विषुवतीय निम्न दाब पेटी का विस्तार विषुवत् रेखा के दोनों ओर कितने अक्षांश तक मिलता है? [LIC]
(Ans : A)