हरियाणा के ऊर्जा व विद्युत परियोजना
हरियाणा में ऊर्जा संसाधन
- हरियाणा सन 1970 तक सभी गांवो में बिजली पहुंचाकर देश का पहला राज्य बना | 80 के दशक में हरियाणा सभी हरिजन बस्तियों व गलियों में बिजली उपलबद्ध करने में देश का प्रथम राज्य बना| बिजली तंत्र की वजह से ही प्रदेश में हरित क्रांति आई।
- सन 1977 के बिजली सुधार अधिनियम के अनुसार 14 अगस्त 1998 को राज्य के बिजली बोर्ड को दो निगमो में बाँट दिया गया –
हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड
- – इसका कार्य राज्य के ताप व जल बिजली घरों की देखरेख व रख रखाव करना है।
हरियाणा बिजली प्रसारण निगम लिमिटेड
- – इसका कार्य बिजली के प्रसारण और वितरण का है।
- – राज्य में 16 अगस्त 1998 को को हरियाणा बिजली विनियंत्रक की स्थापना हुई।
- – मार्च 1999 में दो वितरण कंपनीयों की स्थापना हुई – (1) उत्तर हरियाणा बिजली विरतन विभाग (UHBVN), (II) दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN)
तापीय विद्युत परियोजना केंद्र –
पानीपत तापीय विद्युत केंद्र –
- यह आसन सिवाह, पानीपत मेन स्थित है, इसकी कुल क्षमता 1367.80 मेगा वाट है, इसमें चार यूनिट प्रत्येक 110 मेगावाट के, दो यूनिट प्रत्येक 210 मेगावाट के तथा दो यूनिट प्रत्येक 250 मेगावाट के है।
राजीव गांधी तापीय विद्युत परियोजना –
- इसका शिलान्याश 19 मई 2007 को हुआ व 24 अगस्त 2010 को इसे चालू कर दिया गया | यह हिसार जिले के खेदर में स्थित है। इसकी दो यूनिट है जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1200 मेगावाट है। इसका निर्माण रिलायन्स ऊर्जा लिमिटेड द्वारा किया गया |
यह उत्तरी भारत की ‘मेगा – परियोजना है जिसमे कोयले की सप्लाई महानदी कोलफील्ड लिमिटेड, ओड़ीशा के द्वारा की जाती है |
दीनबंधु छोटूराम तापीय विद्युत परियोजना
- यह परियोजना यमुनानगर जिले में 14 अप्रेल 2008 को शुरू की गई। इसमें 2 यूनिट है जिनकी उत्पादन क्षमता 600 मेगा वाट है। यह प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है जिसे निजी कंपनी को सौपा गया है तथा सेंट्रल कोलफील्ड द्वारा इसे कोयल सप्लाइ किया जाता है।
महात्मा गांधी तापीय विद्युत परियोजना –
- इस परियोजना की स्थापना झज्जर जिले में की जा रही है। यह कोयले पर आधारित है और इसकी कुल क्षमता 1320 मेगावाट है।
जल विद्युत परियोजना –
पश्चिमी यमुना नहर विद्युत परियोजना –
- वर्ष 1977 में राज्य में पश्चिमी यमुना नहर के किनारे हथिनीकुंड एवं दादुपुर में 4 केन्द्रो के स्थापना हेतु केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को प्रस्ताव सौपा गया।
काकरोई सूक्ष्म – जल विद्युत परियोजना –
- यह काकरोई गाँव में स्थित है, इसमें 100 मेगावाट की चार यूनिट है।
पवन ऊर्जा
- प्रदेश के दो स्थानो पंचकुला के मोरनी हिल्स (चकली, रामसर गाव) तथा गुरुग्राम में पवन ऊर्जा परियोजनाए प्रस्तावित की जा रही है।
गोरखपुर परमाणु विद्युत परियोजना, फतेहाबाद –
- इसमें 4 यूनिट है जो प्रत्येक 700 मेगावाट के है यह हरियाणा के । फ़तेहाबाद जिले के गोरखपुर, काजलहेड़ी तथा कुम्हारियाँ गाव में स्थित है 13 अगस्त 2014 को इसके पहले चरण का शिलान्यास किया गया है।
नवीनीकरण ऊर्जा पार्क योजना
- हरियाणा पावर जेनेरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (HPGCL) द्वारा राज्य के यमुना-नगर जिले के भूद कलाँ में सौर विद्युत केंद्र स्थापित करने की योजना है।
- राज्य में 18 जिलों में 20 ऊर्जा पार्क स्थापित किए जा चुके है –
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