डाल्टन का परमाणु सिद्धांत (Atomic theory of dalton)
dalton atomic theory in hindi
- सन् 1808 में जॉन डॉल्टन नाम के ब्रिटिश स्कूल अध्यापक ने परमाणु की व्याख्या करने के लिए एक सिद्धांत दिया । यह परमाणु सिद्धांत रासायनिक संयोजन, द्रव्यमान संरक्षण एवं निश्चित अनुपात के नियमों के आधार पर दिया गया था।
इसके मुख्य अभिगृहित निम्न है –
(1) प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है, जिन्हे परमाणु (atoms) कहते है ।
(2) परमाणु अविभाज्य कण होते है।
(3) एक ही तत्व के सभी परमाणु समान अर्थात् भार, आकार व रासायनिक गुणधर्मों में समान होते है ।
(4) भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भार, आकार व रासायनिक गुणधर्मो में भिन्न-भिन्न होते है ।
(5) अलग-अलग तत्वों के परमाणु सदैव छोटी-छोटी पूर्ण संख्याओं के सरल अनुपात में संयोग कर यौगिक बनाते है।
(6) रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु केवल पुनर्व्यस्थित होते है। इन्हे रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा न तो बनाया जा सकता है, न ही नष्ट किया जा सकता है ।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
डॉल्टन का परमाणु सिद्धांत बहुत सारे तथ्यों की व्याख्या नहीं कर पाया परन्तु इसके द्वारा परमाणु के बारे में वैज्ञानिक तथा प्रायोगिक तथ्यों के आधार पर अग्रिम अन्वेषणों की पुख्ता नींव रखी गई। 19 वीं शताब्दी के अंत तक यह ज्ञात हुआ कि परमाणु में कुछ और छोटे-छोटे कण भी विद्यमान होते है। इन अवपरमाण्विक कणो की उपस्थिति के कारण परमाणु संरचना में और संशोधन हुए ।
परमाणु सिद्धांत (Atomic theory)
- पदार्थ के बारे में जानने के लिए मनुष्य बहुत ही प्राचीन काल से प्रयास करता आ रहा है । पदार्थो के सूक्ष्म स्वरूप के बारे में प्राचीन भारतीय व यूनानी दार्शनिक बहुत पहले (लगभग 500 ई. पू.) ही जानकारियाँ एकत्रित कर रहे थे। प्राचीन भारतीय दार्शनिक महर्षि कणाद ने बताया कि पदार्थ को छोटे-छोटे टुकड़ों में लगातार विभाजित करने पर अंत में सूक्ष्मतम कण परमाणु प्राप्त होते है । इस सूक्ष्म कण परमाणु और अधिक विभाजित करना सम्भव नहीं है । एक अन्य भारतीय दार्शनिक पकुधा काव्यायाम ने बताया कि पदार्थो के भिन्न-भिन्न रूप इन कणो के संयुक्त होने से प्राप्त होते है ।
- लगभग इसी समय ग्रीक दार्शनिक डेमोक्रिट्स एंव ल्यूसीपस ने इन सूक्ष्मतम अविर्भाज्य कणों को Atoms कहा । यह ग्रीक भाषा के शब्द atomio से लिया गया है जिसका अर्थ होता है न काटा जाने वाला या अविभाज्य । परमाणु के बारे में ये सभी विचार केवल दार्शनिक मत भर थे, इनका कोई वैज्ञानिक या प्रायोगिक आधार नहीं था ।
- 18 वीं शताब्दी के अंत में इस ओर कई महत्वपूर्ण कार्य हुए तथा नियमों व प्रयोगात्मक तथ्यों के आधार पर परमाणु सिद्धान्त दिए गए।
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परमाणु सिद्धांत (Atomic theory) FAQ –
1. रदरफोर्ड के प्रयोग में किन विकिरणों का प्रयोग किया गया था?
(क) α
(ख) β
(ग) γ
(घ) X
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2. पदार्थ का सबसे छोटा कण होता है–
(क) अणु
(ख) परमाणु
(ग) तत्व
(घ) यौगिक
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3. तत्वों का प्रथम आवर्ती वर्गीकरण दिया था–
(क) डोबराइनर ने
(ख) मोजले ने
(ग) न्यूलैंड ने
(घ) मैन्डेलीफ ने
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4. आधुनिक आवर्त सारणी पदार्थ के किस गुण पर आधारित है?
(क) परमाणु संरचना
(ख) परमाणु भार
(ग) परमाणु क्रमांक
(घ) संयोजकता
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5. आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्त तथा वर्गों की संख्या है
(क) 7 एवं 18
(ख) 9 एवं 18
(ग) 7 एवं 20
(घ) 9 एवं 20
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6. आवर्त सारणी में परमाणु आकार, वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर
(क) घटता है।
(ख) स्थिर रहता है।
(ग) अनियमित रहता है।
(घ) बढ़ता है।
उत्तर ⇒ ???????