जीवाणुभोजी (Bacteriophage ) किसे कहते हैं ? जीवाणुभोजी की संरचना
Bacteriophage Explain in Hindi
जीवाणुभोजी (Bacteriophage ) किसे कहते हैं ?
- वे विषाणु जो जीवाणु कोशिका में परजीवी (parasite) होते हैं, उन्हें जीवाणुभोजी या बैक्टीरियोफाज (Bacteriophage) कहते हैं। इनका आविष्कार वार्ट तथा डी. हैरेल (d’Herelle) द्वारा 1917 में किया गया था। बैक्टीरियोफाज का शाब्दिक अर्थ जीवाणुओं को खाने वाले जीव (phage = eater) हैं।
- जीवाणुभोजी अविकल्पी परजीवी (obligate parasites) विषाणु होते हैं तथा ये जीवाणु कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। ये प्रायः मिट्टी, गन्दे जल, नालियों, जन्तुओं व मनुष्यों की आँतों, थूक, लार, रक्त व पस (pus), दूध, सब्जियों, फल आदि में अधिक पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त ये जन्तुओं व पक्षियों, मल, खाद व समुद्र में भी पाये जाते हैं। कुछ जीवाणुभोजी जीवाणुओं के अतिरिक्त यीस्ट तथा नीलहरित शैवालों पर भी परजीवी के रूप में पाये जाते हैं। इन्हें क्रमशः जाइमोफेज (Zymophage) व सायनोफेज (Cyanophage) कहते हैं।
जीवाणुभोजी की संरचना (Structure of Bacteriophage):
जीवाणुभोजी इतने सूक्ष्म होते हैं कि इन्हें जीवाणुज फिल्टर से भी पृथक् नहीं किया जा सकता है। इनकी संरचना का अध्ययन केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के द्वारा ही किया जा सकता है। एक प्रारूपिक जीवाणुभोजी टैडपोल (tadpole) के समान सिर (head) व पूंछ (tail) में विभेदित होता है !
अधिकांश जीवाणुभोजियों (T1, T2, T6 आदि) का सिर प्रिज्माभ (prismoid) होता है किन्तु T3 व T4 जीवाणुभोजियों में यह षटकोणीय होता है। इनके अतिरिक्त कुछ जीवाणुभोजी तन्तुमय (filamentous) होते हैं तथा इनमें सिर व पूछ में विभेदन नहीं पाया जाता है। T2 विभोजी के प्रिज्माभ सिर का आमाप 950 x 650Å होता है। सिर व पूँछ के नीचे का भाग कालर (callar) कहलाता है। पूँछ की लम्बाई लगभग सिर की लम्बाई (950Å) के बराबर होती है। इसका व्यास लगभग 80Å होता है तथा यह प्रोटीन की परत से ढका होता है। पूंछ के पास एक षट्कोणीय प्लेट होती है जिसे पूंछ प्लेट (tail plate) या आधार प्लेट (basal plate) कहते हैं, इसकी मोटाई लगभग 200Å होती है। इस प्लेट की निचली सतह पर छः पुच्छ तन्तु (tail fibres) जुड़े होते हैं। प्रत्येक पुच्छ तन्तु की लम्बाई 1500Å होती है। पुच्छ तन्तु के दो मुख्य कार्य हैं –
- जीवाणुभोजी को जीवाणु की सतह पर चिपकाने में सहायता करते हैं तथा
- इनसे स्रावित एन्जाइम जीवाणु की भित्ति के लयन (lysis) में सहायक होते हैं।
जीवाणुभोजी का प्रिज्माभ सिर न्यूक्लियोकैप्सिड (nucleocapsid) से बना होता है। इसका निर्माण करने वाले सभी प्रोटीन अणु एक समान होते हैं व यह जीवाणुभोजी का एक लाक्षणिक गुण हैं। सिर के केन्द्र में DNA का एक केन्द्रीय क्रोड (central core) होता है जो प्रोटीन के एक अलग आवरण (आन्तरिक कवच, inner cell) से ढका होता है। आन्तरिक कवच का निर्माण करने वाली प्रोटीन उपइकाइयाँ केप्सोमियर्स (capsomeres) कहलाती हैं। कोलीफाज (coliphage), Φ x 174, आदि कुछ जीवाणुभोजियों को छोड़कर अधिकांश जीवाणुभोजियों में DNA द्विरज्जुकी (ds DNA) होता है। DNA जीवाणुभोजी का आनुवंशिक पदार्थ है। इसके दो मुख्य कार्य हैं –
- इसमें जीवाणुभोजी के आनुवंशिक लक्षण निहित हैं, तथा
- यह संक्रमण का मुख्य वाहक है। यह परपोषी कोशिका को अधिक से अधिक विषाणु बनाने के लिए प्रेरित करता है।
Virus question and answer in hindi
प्रश्न 1. वाइरस होते हैं –
(अ) कणिकामय या अकोशिक
(ब) एककोशिक
(स) बहुकोशिक
(द) उपरोक्त कोई नहीं
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प्रश्न 2. जीवाणुभोजी बने होते हैं –
(अ) न्यूक्लिक अम्ल के
(ब) केवल प्रोटीन के
(स) न्यूक्लिओ प्रोटीन के
(द) कार्बोहाइड्रेट के
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प्रश्न 3. वाइरस कण के आवरण को कहते हैं –
(अ) कोशिका झिल्ली
(ब) कोशिका भित्ति
(स) क्यूटिकल
(द) केप्सिड
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प्रश्न 4. निम्न में से वाइरस जनित रोग है –
(अ) टाइफाइड
(ब) टी.बी.
(स) पोलियो
(द) डिप्थीरिया
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प्रश्न 5. वायरस का निम्न भाग उसे आनुवंशिकता का गुण प्रदान करता है –
(अ) आर एन ए अथवा डी एन ए
(ब) केप्सिङ
(स) केप्सोमीयर
(द) प्रोटीन चोल
उत्तर :- ?????
इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।
प्रश्न 1. उस विषाणु का नाम लिखिये जिसमें एकल रज्जुकी DNA पाया जाता है।
उत्तर: AIDS विषाणु तथा Φ x 174
प्रश्न 2. उस विषाणु का नाम लिखिये जिसमें द्विरज्जुकी RNA पाया जाता है।
उत्तर: पादप विषाणु Reo virus (wound tumor virus)।
प्रश्न 3. टी.एम.वी. (T.M.V.) का पूरा नाम लिखिये।
उत्तर: तम्बाकू या टोबेको मोजैक वाइरस (Tobacco mosaic virus)।
प्रश्न 4. दो विषाणु जनित प्राणि रोगों के नाम बताइये।
उत्तर: चेचक-पॉक्स वाइरस तथा पोलियो।
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