Conservation of coal and petroleum in Hindi
कोयला (Coal) का संरक्षण
- कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन & रुप में प्रयोग में लाया जाता है ऊर्जा के प्रमुख स्त्रोत के रुप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण है । कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35-40 प्रतिशत भाग कोयले से प्राप्त होता है। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किए जाते है । वर्षों पूर्व वनस्पति के भूमि के नीचे दबने के कारण कालान्तर में कोयले का निर्माण हुआ। लगभग 30 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी घने जंगलों, कच्छक्षेत्रों और जल धाराओं से तर थी। वनस्पति समूहों की जल में गिरकर मृत्यु हो गई जो बाद में मिट्टी की परतों के नीचे दबते चले गए | भूगर्भ में उच्च ताप व दबाव के कारण ये जीवावशेष कोयले में परिवर्तित हो गए। कोयले में मुख्यतः कार्बन तथा उसके यौगिक होते है। कार्बन तथा हाइड्रोजन के अतिरिक्त नाइट्रोजन, ऑक्सीजन तथा गंधक भी होते हैं । इसके अतिरिक्त फास्फोरस तथा कुछ अकार्बनिक द्रव्य भी पाया जाता है।
नमीरहित कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयले को निम्नलिखित चार प्रकारों में बाँटा गया —
- 1. एन्थ्रेसाइट (94-98 प्रतिशत) 2. बिटूमिनस (78-86 प्रतिशत) 3. लिग्नाईट (28-30 प्रतिशत) 4. पीट (27 प्रतिशत) | हवा की अनुपस्थिति में 1000—1400 डिग्री सेलसियस पर गर्म करने पर कोलतार, कोल गैस, अमोनिया प्राप्त होता है |
इस प्रक्रिया को कोयले का भंजक आसवन कहते है | भारत में कोयला मुख्यतः झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं आन्ध्रप्रदेश में पाया जाता है|
पेट्रोलियम (Petroleum) का संरक्षण
- पेट्रोलियम एक अत्यधिक उपयोगी पदार्थ है जिसका उपयोग दैनिक जीवन में बहुत अधिक होता है। कोयले की भांति पेट्रोलियम भी एक जीवाश्म ईंधन है । इसका निर्माण भी कोयले की तरह ही वनस्पतियों एवं जीव जन्तुओं के पृथ्वी के नीचे दबने तथा कालान्तर में उनके ऊपर उच्च दाब तथा ताप के आपतन के कारण हुआ। प्राकृतिक रुप में पाये जाने वाले पेट्रोलियम को अपरिष्कृत तेल, कच्चा तेल, चट्टानों का तेल आदि कहा जाता है | जो काले रंग का गाढा द्रव होता है इसमें विभिन्न अवयव पाये जाते है|
- जिन्हें प्रभाजी आसवन विधि द्वारा अलग-अलग किया जाता है | प्रभाजी आसवन से पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, प्राकृतिक गैस, वेसलीन, स्नेहक इत्यादि प्राप्त होते है।
- कोयला एवं पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन है जो कि प्रकृति के अनवीकरणीय संसाधन हैं। इनके निर्माण में सैंकड़ों वर्ष लगते हैं और प्रकृति में इनकी मात्रा सीमित है। अगर मानव इसी तरह अंधाधुंध इनका प्रयोग करता रहा तो भविष्य में ये संसाधन समाप्त हो जाएगें। इसलिए इनका उपयोग बहुत ही विवेकपूर्ण, न्यायोचित तरीकों से करना चाहिए | इसके अलावा गैर परम्परागत स्त्रोत जैसे वायु, प्रकाश, जल आदि का विकल्प के रुप में अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए जो कि प्रकृति में प्रचुर मात्रा में हैं । प्राकृतिक गैस के स्थान पर बायोगैस का उपयोग किया जा सकता है।
- बायोडीजल जैविक स्त्रोतों से प्राप्त तथा डीजल के समतुल्य ईंधन है। यह शत प्रतिशत नवीकरणीय स्त्रोतों से बनाया जाता है | परम्परागत किए चला सकता है। यह परम्परागत ईंधनों का एक स्वच्छ डीजल ईंजनों को बिना परिवर्तन किए चला सकता है। यह परम्परागत ईंधनों का एक स्वच्छ विकल्प है। इसको भविष्य का ईंधन माना जा रहा है। यह विषैला नहीं होता तथा जैव-निम्नीकरणीय है। बायोडीजल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह दूसरे जीवाश्म ईंधनों की भांति पर्यावरण के लिए हानिकारक नही हैं। राजस्थान सरकार ने प्रदेश में बायोडीजल की व्यावसायिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए बायोफ्यूल मिशन और बायोफ्यूल एथॉरिटी का गठन किया है।
सततपोषणीय विकास (Sustainable development)
- किसी भी संसाधन का प्रयोग सतर्क होकर करना चाहिए ताकि उस वस्तु का प्रयोग न केवल हम कर सकें बल्कि जिनका प्रयोग आने वाले समय की पीढी भी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर सके |
प्रमुख प्राकृतिक संसाधन FAQ –
प्रश्न 1. खेजड़ली के बलिदान से सबंधित है
(क) बाबा आमटे
(ख) सुन्दरलाल बहुगुणा
(ग) अरुन्धती राय
(घ) अमृता देवी
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प्रश्न 2. भू-जल संकट के कारण हैं
(क) जल-स्रोतों का प्रदूषण
(ख) भू-जल का अतिदोहन
(ग) जल की अधिक मांग
(घ) उपरोक्त सभी
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प्रश्न 3. लाल आंकड़ों की पुस्तक सम्बन्धित है
(क) संकटग्रस्त वन्य जीवों से
(ख) दुर्लभ वन्य जीवों से
(ग) विलुप्त जातियों से
(घ) उपरोक्त सभी
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प्रश्न 4. सरिस्का अभयारण्य स्थित है
(क) अलवर में
(ख) जोधपुर में
(ग) जयपुर में
(घ) अजमेर में
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प्रश्न 5. सर्वाधिक कार्बन की मात्रा उपस्थित होती है
(क) पीट में
(ख) लिग्नाइट में
(ग) एन्थेसाइट में
(घ) बिटुमिनस में
उत्तर ⇒ ???????
प्रश्न 1. संकटापन्न जातियों से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- वे जातियाँ जिनके संरक्षण के उपाय नहीं किये गये तो निकट भविष्य में समाप्त हो जायेंगी।
प्रश्न 2. राष्ट्रीय उद्यान क्या है?
उत्तर- राष्ट्रीय उद्यान वे प्राकृतिक क्षेत्र हैं, जहाँ पर पर्यावरण के साथ-साथ वन्य जीवों एवं प्राकृतिक अवशेषों का संरक्षण किया जाता है।
प्रश्न 3. सिंचाई की विधियों के नाम बताइये।
उत्तर- सिंचाई फव्वारा विधि व टपकन विधि से की जाती है।
प्रश्न 4. उड़न गिलहरी किस वन्य जीव अभयारण्य में पायी जाती है?
उत्तर- सीतामाता तथा प्रतापगढ़ अभयारण्य
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