बल आघूर्ण की परिभाषा | सूत्र | प्रकार | उदाहरण | ExamSector
बल आघूर्ण की परिभाषा | सूत्र | प्रकार | उदाहरण

बल आघूर्ण की परिभाषा | सूत्र | प्रकार | उदाहरण

Moment of force or Torque in Hindi

बल आघूर्ण (Torque) :- 

  • किसी बल की वह प्रवृत्ति जिसके कारण वह एक निश्चित बिन्दु के परितः किसी वस्तु को घुमाने का प्रयास करता है, बल आघूर्ण कहलाता है। बल आघूर्ण का मान वस्तु पर लगे बल के परिमाण तथा निश्चित बिन्दु से वल की क्रिया रेखा की लम्बवत् दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। आरोपित बल द्वारा पिण्ड के घूमने की प्रवृत्ति वामावर्त होने पर बल आघूर्ण को धनात्मक चिह्न से तथा दक्षिणावर्त होने पर ऋणात्मक चिह्न द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
  • जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु किसी अक्ष के परितः घूमने लगती है, तो इस प्रभाव को बल आघूर्ण कहते हैं. बल आघूर्ण, बल के समान भौतिक राशि है जो घूर्णन गति का कारण बनती है. बल आघूर्ण को टॉर्क, मोमेंट या मोमेंट ऑफ़ फ़ोर्स भी कहा जाता है. 
  • बल आघूर्ण की SI इकाई Nm है.

बल आघूर्ण का सूत्र

बल आघूर्ण का सूत्र है:

  • बल आघूर्ण (T) = बल x आघूर्ण भुजा
  • बल आघूर्ण τ = F × d

यहाँ, F = बल तथा d = घूर्णन अक्ष से बल की लम्बवत् दूरी । यह एक सदिश राशि है तथा इसका मात्रक न्यूटन – मी होता है।

बल आघूर्ण के प्रकार :- 

  • बल आघूर्ण दो प्रकार का होता है:  स्टेटिक टॉर्क, डायनामिक टॉर्क|
  • जब कोई व्यक्ति किसी बंद दरवाज़े को धक्का देता है, तो स्थैतिक बलाघूर्ण लागू होता है. दरवाज़े पर बल लगाने के बावजूद दरवाज़ा नहीं घूमता, इसलिए यह स्थैतिक बलाघूर्ण है.

बल आघूर्ण (Torque) Important Points :- 

  • आटा पीसने की चक्की में हत्था कीली से दूर होता है क्योंकि घरों में आटा पीसने की चक्की को हत्थे द्वारा कील के परितः घुमाया जाता है। हत्थे को कील से दूर लगाने के कारण, हत्थे पर आरोपित बल की कील से लम्बवत् दूरी (d) अधिक हो जाती है, इसलिए हत्थे पर लगाए गए बल का कील के परितः आघूर्ण अधिक हो जाता है, जिसके फलस्वरूप चक्की को कम बल लगाकर ही आसानी से घुमाया जा सकता है।
  • दरवाजों में हत्था कब्जों से दूर लगाया जाता है क्योंकि जब दरवाजे को खोलने अथवा बन्द करने के लिए हत्थे पर बल लगाया जाता है, तो आरोपित बल के कब्जों के परितः बल आघूर्ण के कारण दरवाजा कब्जों के परितः घूमने लगता है। चूँकि बल आघूर्ण, आरोपित बल की अक्ष से लम्बवत् दूरी के अनुक्रमानुपाती होता है, अत: बल की अक्ष से लम्बवत् दूरी जितनी अधिक होगी (अर्थात् हत्था कब्जे से जितना अधिक दूर होगा), बल का कब्जे के परितः आघूर्ण उतना ही अधिक होगा। अतः थोड़ा-सा बल लगाकर ही दरवाजे को आसानी से घुमाया जा सकता है।

Read Also :- 

बल आघूर्ण FAQ – 

1. खिलाड़ी (एथलीट ) निम्नलिखित में से किसका लाभ उठाने के लिए लम्बी कूद (Long jump) से पहले दौड़ता है? [SSC 2002]
(a) गति का जड़त्व
(c) बल का आघूर्ण
(b) घर्षण बल
(d) आघूर्ण का सिद्धान्त

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उत्तर ⇒ { C }

2. जड़त्व आघूर्ण व कोणीय त्वरण का गुणनफल होता है [RRB 2002]
(a) बल
(c) कार्य
(b) बल-आघूर्ण
(d) कोणीय संवेग

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उत्तर ⇒ { B }

3. बाइसिकल के पहिए में प्रयुक्त ताडिया (Spokes) बढ़ाती है उसका [SSC 2010]
(a) जड़त्व आघूर्ण
(b) वेग
(c) त्वरण
(d) संवेग

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उत्तर ⇒ { A }

4. निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है ?
जब एक एथलीट घूर्णन स्टूल पर बैठे हुए अपने हाथों को बाहर की ओर फैलाता है, तो अचानक इसके हाथ नीचे आ जाते हैं, क्योंकि [MPPCS 2010]
(a) कोणीय वेग घटता है
(b) कोणीय वेग बढ़ता है
(c) जड़त्व आघूर्ण घटता है
(d) जड़त्व आघूर्ण बढ़ता है

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उत्तर ⇒ { C }

5. कणों का निकाय पर लगने वाला सम्पूर्ण बाह्य बल-आघूर्ण, अंक्षों पर लगभग शून्य होता है।
निम्न में से कौन-सा कथन समतुल्य हैं?
(a) अक्ष के बिन्दु से स्पर्श रेखा की दूरी पर एक बल लगा होता है।
(b) घूर्णन अक्ष पर बल लगा है।
(c) घूर्णन अक्ष पर लम्बवत् बल लगा हो।
(d) कुल बल द्वारा लगा बल-आघूर्ण बराबर तथा विपरीत होता है।

उत्तर ⇒ ???????

Q. घूर्णन गति क्या है उदाहरण सहित?

  • घूर्णन या घूर्ण गति एक केन्द्रीय रेखा (घूर्णन अक्ष) के परितः किसी वस्तु की वृत्तीय गति है। एक समतल आकृति एक लम्बवत् अक्ष के परितः दक्षिणावर्त या वामावर्त दिशा में घूम सकती है, जो घूर्णन के केन्द्र पर आकृति के अन्दर या बाहर कहीं भी प्रतिच्छेद करती है।

Q. टॉर्क का मात्रक क्या है?

  • अत: बलाघूर्ण का SI मात्रक Nm है।
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