Arabon kee Sindh Vijay ( अरबों की सिंध विजय )
अरबों की सिंध विजय
- 711 ई. में खलीफा वालिद के उत्तरी क्षेत्र (ईरान) के गवर्नर अल-हज्जाज ने खलीफा से सिंध अभियान की अनुमति प्राप्त कर ली।
- सर्वप्रथम 711 ई. में उबैदुल्ला के नेतृत्व में एक अभियान सिंध भेजा गया, किन्तु यह पराजित हुआ और मारा गया।
- दूसरा अभियान बुदैल के नेतृत्व में हुआ लेकिन यह भी असफल रहा।
- तीसरा अभियान 712 ई. मुहम्मद-बिन-कासिम के नेतृत्व में हुआ।
- मुहम्मद बिन कासिम ने सिन्ध के शासक दाहिर को पराजित किया। दाहिर युद्ध करते हुए मारा गया।
अरबों की सिंध विजय के कारण अरबों के सिंध विजय के अनेकों कारण थे– |
अरबों की विजय का प्रभाव –
1. राजनीतिक प्रभाव-
- अरबों की प्रशासनिक नीतियां मध्य युग के तुर्क, अफगान, मुगल साम्राज्य के लिए भी मार्ग दर्शन का कार्य करती रहीं।
2. आर्थिक प्रभाव-
- भारत में खजूर की बागवानी एवं ऊंट पालन का अधिक विकास।
-चर्म शिल्प को प्रोत्साहन
-मुद्रा प्रणाली का विकास
नगरीकरण अनेक नये नगरों का विकास हुआ।
3. सामाजिक प्रभाव-
- सामाजिक समानता का विकास हुआ। ऊंच-नीच, वर्ग-भेद में कमी। पर्दा प्रथा प्रारम्भ।
4. सांस्कृतिक प्रभाव-
- सिंधी भाषा का विकास हुआ। भारत में कुरान का सर्वप्रथम अनुवाद सिंधी भाषा में हुआ।
– सैकड़ों अरबी विद्वान चिकित्सा, दर्शन, गणित आदि की शिक्षा ग्रहण करने के लिए भारत आये।
– अनेक भारतीय ग्रंथों का अरबी में अनुवाद हुआ, आयुर्वेद, सूर्यसिद्धातिका, सुश्रुत संहिता, पंचतंत्र आदि का अरबी में अनुवाद हुआ।
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