मुगल वंश | मुगल चित्रकला
मुगल वंश | मुगल चित्रकला
- बाबर को चित्रकला में रुचि थी, इसने अपनी आत्मकथा में ईरानी चित्रकार बिहजाद के चित्रों की मार्मिक समीक्षा की है।
- हुमायूँ को भी चित्रकला में रुचि थी।
- हुमायूँ ईरानी प्रवास के दौरान यहाँ के दो चित्रकार ख्वाजा अबदुस्समद एवं मीर सैय्यद अली के सम्पर्क में आया। हमा जब पुनः भारत आया तो इन दोनों ईरानी चित्रकारों को अपने साथ लाया और अपनी चित्रशाला में रखा।
- इस प्रकार मुगल चित्रकला की नींव हुमायूँ ने रखी।
- अकबर ने चित्रकला का एक विभाग खोला और ख्वाजा अब्दस्समद को उसका अध्यक्ष नियक्त किया।
अकबर के समय के महत्वपूर्ण चित्रकार
1.ख्वाजा अब्दुस्समद | 2.मीर सैय्यद अली | 3.मिस्किन |
4. फारुख बेग | 5.दसवंत | 6.बसावन |
7.केशव | 8.लाल मुकुंद | 9.मधु |
10. जगन | 11. सनबल | 12. खेमकरन |
13. तारा | 14. महेश | 15. हरिवंश |
16. राम | 17. माधव |
- अबुल फजल के अनुसार अकबर की चित्रशाला में सौ से अधिक चित्रकार थे जिसमें 17 बहुत प्रसिद्ध थे। इनमें 13 हिन्दू चित्रकार थे।
जहाँगीर
- जहाँगीर के समय में मुगल चित्रकला में व्यापक परिवर्तन हुआ। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ईरानी शैली का प्रभाव कम होने लगा और यूरोपीय शैली का प्रभाव बढ़ने लगा।
- जहाँगीर के समय में प्रकृति-चित्रण मुगल चित्रकला की प्रमुख विशेषता बन गई। इसने दुर्लभ फूल-वनस्पतियों, पशु-पक्षियों का चित्र बनाने का आदेश दिया।
- जहाँगीर का सबसे प्रिय चित्रकार अबुल हसन था, जिसने इसके राज्यारोहण का चित्र बनाया है। जहाँगीर ने इसे नादिर-उल-जमाँ (अपने समय का अद्भुत) की उपाधि दी।
- जहाँगीर का दूसरा महत्वपूर्ण चित्रकार मंसूर था। यह लघु-चित्रों के चित्रण में विशिष्ट था। इसने साइबेरिया के सारस एवं लाल फूलों की बहार का चित्र बनाया। जहाँगीर ने इसे नादिर-उल-अम्न (अपने समय का श्रेष्ठ) की उपाधि दी।
- जहाँगीर के समय का एक विशिष्ट चित्रकार बिशनदास था। जहाँगीर ने इसे फारस के सम्राट एवं उसके दरबारियों का चित्र बनाने के लिए इसे फारस भेजा था।
जहाँगीर के समय के चित्रकार
1.अबुल हसन | 2.मंसूर | 3. फारुख वेग |
4.बिशनदास | 5.दौलत | 6. मनोहर |
7. मु. नादिर | 8. मुराद | 9. गोवर्धन |
शाहजहाँ
- शाहजहाँ को अपना दैवी प्रकार का चित्र बनवाने का बहुत शौक था, जैसे सिर के पीछे प्रकाश का गोला।
- शाहजहाँ जब अपनी स्थापत्य योजनाओं में व्यस्त हो गय तो मुगल चित्रकला का पतन प्रारम्भ हो गया।
शाहजहाँ के समय के चित्रकार
1.गोवर्धन | 2.मु. नादिर |
3.बालचन्द्र | 4. चतुर |
5. विचित्र | 6.अनूप |
7. चिन्तारमण |
- औरंगजेब धार्मिक कारणों से चित्रों को पसंद नहीं करता था। अतः मुगल चित्रकला का पतन हो गया।
- मुगल चित्रकार रोजी रोटी की तलाश में राजपूताना प्रदेश एवं पहाड़ी प्रदेशों के राजाओं के यहाँ शरण ली।
- इस प्रकार राजस्थानी शैली एवं पहाड़ी शैली का विकास हुआ।
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