पुदुचरी का परिचय ( Pondicherry History information )
• राज्य – पुदुचेरी
• राजधानी – पुदुचेरी
• क्षेत्रफल – 492 वर्ग किमी.
• जनसंख्या – 12,47,953
- पुरुष – 6,12,511
- महिला – 6,35,442
• दशक वृद्धि दर (2001-11) – 21.1 प्रतिशत
• लिंगानुपात (0-6 वर्ष) – 965
• जनसंख्या घनत्व – 2,546 व्यक्ति /वर्ग किमी०
• लिंगानुपात – 1,037 महिलाएँ प्रति हजार पुरुष
• साक्षरता – 85.8%
- पुरुष – 91.3% •
- महिला – 80.7%
पुदुचरी का परिचय ( Pondicherry History information )
• उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र – मद्रास उच्च न्यायालय
• मुख्य भाषाएँ – तमिल, तेलुगू, मलयालम, फ्रेंच और अंग्रेजी
• जिला – 4
• नदियाँ – जिंजी (पुदुचेरी), माहे, कोरिंगर, अरासलार, कावेरी, नातेर, वजियार, नूलर, नंदालर
• कृषि – 35 प्रशित लोग कृषि पर निर्भर है।
• प्रमुख फसल – धान
• अन्य फसलें – रागी, दालें, गन्ना, मुंगफली
• सिंचाई एवं जलविद्युत – सिंचाई तालाबों से होती है। विद्युत तमिलनाडु और केरल से प्राप्त होता है।
• उद्योग – प्रमुख उद्योगों में कपड़ा, चीनी मिट्टी के बर्तन, सूती धागा, कास्टिक सोडा, कागज, बीयर, स्प्रिट, अमीनो अम्ल, डिस्पोजबल सिरिंज, शीशा एवं टिन के डिब्बे आदि।
• मुख्य पर्व/त्यौहार – ‘मास्करेड’ यहाँ का प्रमुख त्यौहार एवं ‘मसिमगम’ प्रमुख पर्व है।
• पर्यटन केन्द्र – सरकारी महल, समुद्र तट की सैरगाह, गांधी स्क्वेयर, अरबिन्दो आश्रम, अरोविले (विश्व का प्रथम ग्लोबीय ग्राम), मानकुला विनायक मंदिर, बाहर मंदिर, कवि भारथी दासन संग्रहालय, रोम्यां रोला लाइब्रेरी, जॉन ऑफ आर्क स्क्वेयर, कार मेमोरियल चर्च, फ्रैंच इंस्टीट्यूट, ऐलिया फ्रांकोइस, आउस्टरी लेक, इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च आदि।
• विश्वविद्यालय – पुदुचेरी विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय है। विधानमण्डल – एकसदनात्मक
• विधान सभा सदस्यों की संख्या – 33
• लोक सभा सदस्यों की संख्या – 1
• राज्य सभा सदस्यों की संख्या – 1
• प्रथम मुख्यमंत्री – एडवर्ड गॉबर्ट
• प्रथम उपराज्यपाल – एस. एल. सलीम
पुदुचरी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- पुदुचेरी और उनके आसपास की अस्तियाँ जिंजी नदी की घाटी में स्थित है।
- पुडुचेरी से जुड़ा हुआ इतिहास दूसरी शताब्दी के समय का है। 1944 और 1949 में की गयी पुरातात्विक खुदाई में यह पता चला है की “यह एक व्यापर केंद्र था, जहाँ पहली शताब्दी CE में रोमन उत्पादक आयात किये जाते थे।”
- चौथी शताब्दी के पल्लव राजवंश ने यहां कुछ समय के लिए शासन किया। उसके बाद चोल, पंड्या और विजयनगर,मदुरई सल्तनत जैसे दूसरे कई दक्षिणी राजवंश यहाँ शासन किया। सन् 1674 में फ्रांसीसी गवर्नर फ्रेंकोइस मारिन ने इस छोटे से गांव को एक बड़े बंदरगाह में बदल दिया।
- फ्रांसीसियों ने पुदुच्चेरी शहर में रुचि लेने से यह शहर मशहूर हुआ। हालांकि फ्रांसीसियों और अंग्रेजों के बीच कई युद्ध हुए लेकिन पुदुच्चेरी पर फ्रांसीसियों का ही हमेशा शासन रहा।
- जब फ्रेंच भारत का अस्तित्व समाप्त हो गया तो पुदुच्चेरी को भारतीय घटक संघ शासित प्रदेश में शामिल किया गया।18 वीं सदी के आसपास इस शहर में ने बहुत प्रगति की।
- यहाँ की इमारतो और मार्गो में आज भी हमें राज्य का इतिहास दिखाई देता है। राज्य के मार्गो और चर्च पर भी फ्रेंच कालीन किंवदंतियां सुनने मिलती है।
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