दूरी और विस्थापन में अंतर
( दूरी व विस्थापन ) Distance and Displacement
दूरी–
- किसी कण द्वारा निश्चित समय में तय किए गए पथ की लम्बाई को दूरी कहते हैं। यह अदिश राशि है।
- गतिशील वस्तु के लिए समय बढ़ने पर दूरी का मान सदैव बढ़ता है।
विस्थापन–
- किसी निर्देश बिन्दु के सापेक्ष वस्तु द्वारा निश्चित दिशा में तय की गई दूरी को विस्थापन कहते हैं।
- किसी निर्देश बिन्दु के सापेक्ष कण की अंतिम स्थिति व प्रारंभिक स्थिति के अन्तर को विस्थापन कहते हैं। यह सदिश राशि है।
दूरी तथा विस्थापन की तुलना ( Duri tatha visthapan mein antar )
- (i) विस्थापन का परिमाण, दो स्थितियों के बीच न्यूनतम संभव दूरी के तुल्य होता है अर्थात्
- दूरी > = | विस्थापन |
- (ii) गतिशील कण के लिए दूरी कभी ऋणात्मक अथवा शून्य नहीं हो सकती जबकि विस्थापन हो सकता है। शून्य विस्थापन का तात्पर्य है कि गतिशील वस्तु अपनी प्रारंभिक स्थिति पर पुन: आ चुकी है
- अर्थात् दूरी > 0 परन्तु विस्थापन > = अथवा 0
- (iii) गतिशील कण के लिए दूरी समय के साथ कभी घट नहीं सकती है, जबकि विस्थापन समय के साथ घट सकता है। समय के साथ विस्थापन घटने का तात्पर्य है कि कण प्रारंभिक स्थिति की ओर गतिशील है।
- (iv) दो बिन्दुओं के मध्य गति के लिए विस्थापन अद्वितीय (Unique) फलन होता है जबकि दूरी वास्तविक पथ पर निर्भर करती है तथा इसके अनन्त मान हो सकते हैं।
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