बल: परिभाषा, मात्रक, सूत्र, प्रभाव और प्रकार (force definition unit formula effects and types in hindi)
बल: परिभाषा, मात्रक, सूत्र, प्रभाव और प्रकार (force definition unit formula effects and types in hindi)
force definition unit formula effects and types in hindi
- बल लगाने के लिए दो वस्तुओं में परस्पर क्रिया (अंतःक्रिया) होना आवश्यक है।
बल के प्रभाव –
- बल वस्तु की स्थिति में परिवर्तन कर सकता है अर्थात बल लगाने पर स्थिर वस्तु गतिशील हो सकती है।
- गतिशील वस्तुओं पर गति की दिशा में बल लगाने पर उसकी गति में वृद्धि हो जाती है।
- गतिशील वस्तुओं पर बल लगाने पर उनकी गति में परिवर्तन हो सकता है।
- बल द्वारा गतिशील वस्तुओं की गति की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता हैं।
- बल लगाने से वस्तु के आकार या आकृति में परिवर्तन हो सकता है।
बल वह कारक है जो-
1. वस्तु की स्थिति में परिवर्तन कर सकता है।
2. वस्तु की गति में परिवर्तन कर सकता है।
3. वस्तु की गति की दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
4. वस्तु के आकार या आकृति में परिवर्तन कर सकता है।
यही बल की अवधारणा है।
बल का मात्रक-
- बल का एस.आई. (S.I) मात्रक न्यूटन (Newton) है। आइज़क न्यूटन ने बल का अध्ययन किया। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल एवं गति के नियम दिए थे। न्यूटन के नाम पर हा बल के मात्रक का नाम न्यूटन रखा गया। न्यूटन एक महान गणितज्ञ भी थे।
- England के निर्धन कृषक परिवार में जो इतिहास में सबसे अधिक मौलिक तथा प्रभावशाली सिद्धांतवादी के रूप में जाने जाते हैं।
विभिन्न प्रकार के बल –
- गुरुत्व बल (गुरुत्वाकर्षण बल)- पृथ्वी जिस बल से वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है, इसे गुरुत्व बल कहते हैं।
- पेशीय बल- किसी वस्तु को उठाने के लिए जो बल हमारी माँसपेशियाँ लगाती हैं, उसे पेशीय बल कहते है।
- स्थिर विद्युत बल- स्थिर विद्युत आवेशों के मध्य लगने वाले बल को स्थिर विद्युत बल कहते हैं।
उदाहरण- स्केल व कंघे को रुखे बालों पर रगड़ने से उसमें स्थिर विद्युत आवेश आ जाता है। इससे विद्युत आवेश बल लगता है। इसी बल के कारण कागज के टुकड़े स्केल या कंधे की ओर आकर्षित होते हैं। - धर्षण बल – जब कोई वस्तु किसी सतह पर गति करती है, तब उस पर सतह द्वारा गति के विपरीत दिशा में एक जाता है। इसे घर्षण बल कहते हैं।
धर्षण बल सदैव गति का विरोध करता है इसी कारण फर्श पर गतिशील वस्तु कुछ समय बाद रुक जाती है।
घर्षण बल परस्पर संपर्क में आने वाली सतहों पर निर्भर करता है। सतह जितनी चिकनी होगी, घर्षण बल उतना कम होगा एवं सतह यदि खुरदरी होगी तो घर्षण बल अधिक होगा। - चुम्बकीय बल (Magnetic Force)- चुम्बक के चुम्बकीय पदार्थों पर लगने वाले बल को चम्बकीय बल कहते है।
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