मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ (Major Rivers of Madhya Pradesh)
Madhya Pradesh ki Pramukh Nadiya
मध्य प्रदेश की नदियों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है- प्रथम वे, जो केवल वर्षा ऋतु में पानी से भर जाती हैं, परन्तु अन्य मौसमों में सूखी पड़ी रहती हैं और दूसरी वे नदियां हैं, जिनमें बारह महीने पानी रहता है। मध्य प्रदेश में नदियां विभिन्न दिशाओं की ओर प्रवाहित होती हैं। उत्तर की ओर बहने वाली नदियां चम्बल, बेतवा, सोन, केन आदि हैं तथा दक्षिण की ओर बहने वाली नदी वेनगंगा आदि है। पश्चिम की ओर बहने वाली नदियां नर्मदा व ताप्ती हैं। इन नदियों के अतिरिक्त अन्य बहुत-सी छोटी-छोटी सहायक नदियां भी हैं। ये सभी नदियां प्रदेश की विभिन्न दिशाओं में प्रवाहित होती हैं।
मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियां :-
1. नर्मदा नदी–
- नर्मदा को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के मैकाल शृंखला की अमरकंटक नामक पहाड़ी से निकलती है और एक तंग, गहरी एवं सीधी घाटी से होकर पश्चिम की ओर बहती है। यह नदी मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, खंडवा तथा खरगौन और गुजरात के भरुच जिलों में बहती हुई खंभात की खाड़ी में गिरती है। यह नदी 1312 किलोमीटर लम्बी है और मध्य प्रदेश में 1077 कि.मी. बहती है। इसका अपवाह क्षेत्र 93180 वर्ग कि.मी. है।
2. ताप्ती नदी–
- ताप्ती नाम की उत्पत्ति संस्कृत के ‘पात’ शब्द से हुई है। तापी या ताप्ती नदी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई (मूल ताप्ती) नगर के पास से सतपुड़ा के दक्षिण में 762 मीटर की ऊंचाई से निकलती है। यह नदी पूर्व से पश्चिम नर्मदा के समानान्तर बहने के पश्चात खंभात की खाड़ी में गिरती है। इसकी लम्बाई 724 कि.मी. है। पूर्वा, गिरना, बोरी, पांछरा, बाघुड़ और शिवा, ताप्ती की अन्य सहायक नदियां हैं।
3. चम्बल नदी–
- प्राचीन काल में चर्मणवती के नाम से जानी जाने वाली नदी वर्तमान में चम्बल नदी के नाम से विख्यात है। इसकी कुल लम्बाई 9651 कि.मी. है। यह नदी इंदौर जिले की महू तहसील के समीप स्थित जानापाव नामक पहाड़ी (854 मीटर ऊंचाई) से निकलकर उत्तर-पूर्व की ओर मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर जिलों में बहती हुई राजस्थान के बूंदी, कोटा और धौलपुर में बहती है, फिर पूर्वी भाग में बहती हुई इटावा (उत्तर प्रदेश) से 38 कि.मी. दूर यमुना नदी में जा मिलती है।
4. बेतवा नदी–
- बेतवा नदी मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के कुमरा नामक गांव से निकलती है। इसका प्राचीन नाम वेत्रवती नदी है। बेतवा नदी मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में विचरण करने के पश्चात् उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद स्थित यमुना नदी में मिल जाती है। इसका बहाव उत्तर की ओर है। इस नदी की सम्पूर्ण लम्बाई 380 कि.मी. है।
5. सोन नदी–
- यह नदी विन्ध्याचल पर्वत की अमरकंटक की पहाड़ियों से पेन्ड्रा रेलवे स्टेशन से लगभग 19 कि.मी. लम्बी है। सोन नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में बहती हुई पटना के समीप दानापुर के पास गंगा नदी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदी उत्तरी कोयल है।
6. क्षिप्रा नदी–
- क्षिप्रा नदी मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के समीप काकरी बरडी नामक पहाड़ी से निकलती है। यह नदी 195 कि.मी. लम्बी है तथा यह 93 कि.मी. तक मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में प्रवाहित होती है। पुनः रतलाम और मंदसौर जिले में बहती हुई यह चम्बल नदी में मिल जाती है। खान और गंभीर इसकी सहायक नदियां हैं।
7. केन नदी–
- केन नदी मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की कटनी नामक तहसील से निकलती है। यह उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की सीमा में 160 कि.मी. बहने के बाद यमुना नदी में मिल जाती है।
8. टोंस नदी–
- टोंस नदी मध्य प्रदेश के सतना जिला की मैहर तहसील के कैमूर की पहाड़ियों से निकलती है। यह उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद में सिरसा नामक स्थान के पास गंगा नदी में मिल जाती है। वेलन इसकी सहायक नदी है।
9. काली सिंध नदी–
- काली सिंध नदी देवास के समीप बागली नामक गांव से निकलकर चम्बल नदी में मिल जाती है।
10. वेनगंगा नदी–
- वेनगंगा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के परसवाड़ा पठार से निकलकर सिवनी-छिंदवाड़ा के मध्य प्रवाहित वर्धा नदी एवं वेनगंगा का संगम स्थल ‘प्राणहिता’ के नाम से जाना जाता है।
11. तवा नदी–
- यह नदी पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत की पहाड़ियों से निकलकर उत्तर की ओर बहती है। यह होशंगाबाद की प्रमुख नदी है। इसकी सहायक देनवा नदी पचमढ़ी के पठार से निकलती है। इसकी अन्य सहायक नदियों में मालिनी और सुखतवा हैं।
12. पार्वती नदी–
- यह नदी विन्ध्याचल द्रोणी के उत्तरी ढाल से निकलती है। मध्य भारत के पठार पर यह नदी केवल चचौड़ा तथा गुना तहसीलों की सीमा पर 37 कि.मी. बहती है और अन्त में चम्बल नदी में मिल जाती है।
13. शक्कर नदी–
- यह नदी नर्मदा की सहायक नदी है, जो इसमें बायीं ओर से मिलती है। इस नदी का उद्गम छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा से 18 कि.मी. उत्तर में है।
14. कुवारी नदी–
- यह नदी शिवपुरी पठार से निकलती है। सिन्ध की सहायक यह नदी मुरैना पठार के जल विभाजक द्वारा कुनू तथा चम्बल से अलग होकर पूर्व की ओर चम्बल के समानान्तर प्रवाहित होती है तथा भिण्ड जनपद की लहार तहसील में सिन्ध नदी में विलीन हो जाती है।
15. छोटी तवा नदी–
- बैतूल जिले में छोटी तवा नदी वृक्षाभ अपवाह क्रम वाली है। यह आवना-सुक्ता नदियों से मिलकर बनी है। सुक्ता खानदेश से बुरहानपुर में प्रवेश कर खंडवा के उत्तर में आवना से मिल जाती है।
16. वर्धा नदी–
- यह नदी मुल्ताई के उत्तर-पूर्व में वर्धन शिखर (811 मीटर) से निकलकर महाराष्ट्र में वेनगंगा से मिल जाती है। गहरे चट्टानी क्षेत्र में यह तीव्र प्रवाह वाली नदी है।
17. कुन नदी–
- इसका उद्भव शिवपुरी पठार से है। उद्गम के बाद यह संकरी व गहरी घाटी में बहती है तथा अपने मार्ग के अवरोधक मुरैना पठार को सफलतापूर्वक पार करती हुई चम्बल नदी से मिल जाती है। इस नदी की कुल लम्बाई 180 कि.मी. है।
18. गार नदी–
- यह नदी नर्मदा की सहायक नदी है। यह सिवनी के लखना क्षेत्र से निकलकर कोयले की संकरी घाटी में से बहती हुई उत्तर की ओर जाकर नर्मदा के बायें तट से मिल जाती है।
19. सिन्ध नदी–
- यह गुना जिले में सिरोज के निकट से निकलती है। गुना, शिवपुरी, दतिया और भिण्ड में बहती हुई यह इटावा जिले (उत्तर प्रदेश) के पास चम्बल नदी से मिल जाती है।
20. कन्हान नदी–
- 275 कि.मी. सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के छिंदवाड़ा से निकलती है। यह वेनगंगा की सहायक नदी है।
21. जोहिल्ला नदी–
- यह अमरकंटक के दक्षिण पश्चिमी छोर से निकलती है। यह सोन की सहायक नदी है।
22. पेंच नदी–
- यह छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव नामक स्थान से निकलती है। यह कन्हा नदी की सहायक नदी है।
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