ई-कॉमर्स के लाभ ( Advantages of E-Commerce)
ई-कॉमर्स के लाभ ( Advantages of E-Commerce in Hindi)
Advantages of E Commerce in Hindi
- ई-कॉमर्स से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बहुत प्रोत्साहन व लाभ मिला है। इसमें मध्यस्थों (जो विक्रेता व क्रेता के मध्य होते हैं) के द्वारा लिए जाने वाले लाभ से मुक्ति मिलती है । अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि ई-कॉमर्स से समय तथा धन की बचत होती है। इसके निम्नलिखित लाभ हैं-
1. बड़े नेटवर्क से जुड़ना
2. कोई मध्यस्थ नहीं
3. अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रवेश आसान
4. समय की बचत
5. एक स्थान पर बैठे ही वस्तु की जानकारी व उपलब्धता
1. बड़े नेटवर्क से जुड़ना
- ई-कॉमर्स के द्वारा ई-बिजनेस करने के लिए क्रेता अथवा विक्रेता को अपने कम्प्यूटर के द्वारा सर्वप्रथम इन्टरनेट, इन्ट्रानेट या एक्सट्रानेट से जुड़ना होता है । जिसके द्वारा व्यक्ति एक बहुत बड़े नेटवर्क से जुड़ जाता है, जिससे उसे एक स्थान पर बैठे ही कई तरह की जानकारियाँ प्राप्त हो… जाती हैं। इस नेटवर्क के माध्यम से व्यक्ति सामाजिक नेटवर्क वेबसाईटों (Social network websites) के द्वारा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, मित्रों, रिश्तेदारों व कई प्रकार के सलाहकारों से भी जुड़ सकता है तथा उसे कई प्रकार के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
2. कोई मध्यस्थ नहीं
- परम्परागत (Traditional) तरीके से व्यापार करने पर उत्पादन व उपभोक्ता के मध्य कई प्रकार के मध्यस्थ होते हैं, जैसे कि थोक विक्रेता, विक्रेता आदि। इन मध्यस्थों के होने से उत्पादक को इन्हें भी मुनाफे का कुछ हिस्सा देना होता है, जिससे उत्पादन का मूल्य बढ़ जाता है। इसके अन्तर्गत उपभोक्ता का सम्पर्क विक्रेता से तथा विक्रेता का सम्पर्क थोक विक्रेता से व थोक विक्रेता का सम्पर्क उत्पादक से जुड़ा होता है। ई-कॉमर्स के द्वारा क्रेता (उपभोक्ता) सीधे मुख्य विक्रेता अथवा उत्पादक से जुड़ सकता है, इसमें कोई मध्यस्थ नहीं होते हैं, जिससे वस्तु का क्रय मूल्य कम होता है, अर्थात् वस्तुएँ कम कीमत में उपलब्ध होती हैं ।
3. अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रवेश आसान
- ई-कॉमर्स .में इन्टरनेट के द्वारा व्यापार होता है। हम जानते हैं कि इन्टरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जिसके द्वारा व्यक्ति एक स्थान पर बैठे ही विश्व से जुड़ सकता है। अतः ई-कॉमर्स के अन्तर्गत क्रेता- विक्रेता के मध्य सीमाएँ व दूरियाँ समाप्त हो जाती हैं, वे दोनों ही सीधे एक-दूसरे से सम्पर्क कर व्यापार कर सकते हैं। अतः ई-कॉमर्स के द्वारा आसानी से अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रवेश किया जा सकता है जिसके अन्तर्गत क्रेता-विक्रेता दोनों ही एक ही देश के या अलग-अलग देश के भी हो सकते हैं।
4. समय की बचत
- ई-कॉमर्स के द्वारा वस्तुओं का क्रय-विक्रय करने पर समय व धन दोनों की बचत होती है। इसमें क्रेता व विक्रेता को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती वस्तुतः समय की बचत होती है। क्रेता व विक्रेता एक ही स्थान पर बैठे ही व्यापार करते हैं । इसमें क्रेता को विक्रेता के पास जाने में समय व्यर्थ करने की आवश्यकता नहीं होती । क्रेता एक ही स्थान पर बैठे ही एक प्रकार की वस्तु के विभिन्न विक्रेताओं द्वारा ली जाने वाली कीमत व प्राप्त होने वाले बट्टे (Discount) का भी पता लगा सकता है तथा वह घर बैठे ही उन्हें खरीद सकता है, जिससे समय व धन दोनों की बचत होती है ।
5. एक स्थान पर बैठे ही वस्तु की जानकारी व उपलब्धता
- ई-कॉमर्स के द्वारा किसी भी वस्तु की जानकारी प्राप्त करने के लिए कहीं बाहर जाने की या किसी अन्यत्र स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं है। क्रेता एक स्थान पर बैठे ही कई प्रकार की अलग- अलग वस्तुओं की जानकारी, उनकी कीमत की जानकारी व उस वस्तु की गुणवत्ता (Quality ) आदि की जानकारी एक स्थान पर बैठे ही प्राप्त कर सकता है। इसके माध्यम से किसी वस्तु का क्रय करने पर विक्रेता द्वारा उस वस्तु को क्रेता के पास पहुंचाया जाता है, जिससे क्रेता को उसके स्थान पर बैठे ही वस्तु उपलब्ध हो जाती है। इसके लिए क्रेता द्वारा बताए गए पते या स्थान पर विक्रेता द्वारा वस्तु भेज दी जाती है ।
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