स्पर्श-कोण (Angle of Contact) क्या है ?
Angle of Contact in Hindi
स्पर्श कोण (Angle of Contact)
- जब कोई द्रव पृष्ठ किसी ठोस पृष्ठ को स्पर्श करता है, तो स्पर्श स्थान के पास द्रव – पृष्ठ सामान्यतः वक्रीय हो जाता है। जब काँच की किसी प्लेट को जल में डुबोते हैं, तो प्लेट के पास वाले जल का मुक्त पृष्ठ अवतल हो जाता है अर्थात् ऐसा प्रतीत होता है कि प्लेट द्वारा जल ऊपर खींचा गया है। यदि काँच की प्लेट को पारे में डुबोते हैं तो प्लेट के पास वाला पारा कुछ नीचे दब जाता है तथा पारे का मुक्त पृष्ठ उत्तल हो जाता है।
- अतः द्रव तथा ठोस पृष्ठ की स्पर्श रेखा (line of contact) के किसी बिन्दु पर दो स्पर्श तल (tangent planes), एक ठोस पृष्ठ के स्पर्शीय द्रव के अन्दर की ओर तथा दूसरा द्रव पृष्ठ के स्पर्शीय ठोस पृष्ठ से दूर, खींचे जाएँ, तो इन स्पर्श तलों के बीच का कोण स्पर्श कोण (e) कहलाता है।
स्पर्श कोण से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु (Important Points Related to Angle of Contact)
(i) यदि स्पर्श कोण 90° है, तो
- द्रव बर्तन को भिगोता है।
- केशनली में द्रव न तो ऊपर चढ़ता है ओर न नीचे उतरता है।
- केशनली में द्रव का तल क्षैतिज होता है।
(ii) यदि स्पर्श कोण < 90° (न्यूनकोण) है, तो
- द्रव वर्तन को भिगोता है।
- द्रव केशनली में ऊपर चढ़ता है।
- केशनली में द्रव का तल अवतल होता है।
(iii) यदि स्पर्श कोण > 90° (अधिक कोण) है, तो
- द्रव बर्तन को नहीं भिगोएगा।
- द्रव केशनली में नीचे गिरेगा।
- केशनली में द्रव का तल उत्तल होता है।
(iv) शुद्ध जल तथा साफ काँच की सतह पर स्पर्श कोण शून्य होता है। साधारण जल तथा काँच के लिए स्पर्श कोण 89, इसी प्रकार पारे तथा काँच के लिए स्पर्श कोण 140°, ऐल्कोहॉल तथा साफ काँच के लिए स्पर्श कोण 0° होता है।
(v) किसी द्रव का ताप बढ़ने पर स्पर्श कोण भी बढ़ता है।
(vi) घुलनशील अशुद्धियाँ स्पर्श कोण के मान को घटा देती हैं।
(vii) आंशिक रूप से घुलनशील अशुद्धियाँ स्पर्श कोण के मान को बढ़ा देती हैं।
(viii) स्पर्श कोण का मान द्रव तथा उसके सम्पर्क में स्थित ठोस पृष्ठ की प्रकृतियों पर निर्भर करता है। किसी एक युग्म के लिए इसका मान नियत रहता है।
Read Also :-
- [भौतिक विज्ञान] Physics Notes :- यहाँ क्लिक करें !
- { *सामान्य विज्ञान* } General Science Notes :- यहाँ क्लिक करें !
स्पर्श कोण (Angle of Contact) FAQs :-
Q. पृष्ठ ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?
- द्रव के पृष्ठ तनाव के कारण, द्रव पृष्ठ तनाव के प्रति एकांक क्षेत्रफल की स्थितिज ऊर्जा का पृष्ठ ऊर्जा कहते हैं।
Q. पृष्ठीय ऊर्जा का सूत्र क्या है?
-
E = [M 1 L 2 T – 2 ] × [M 0 L 2 T 0 ] – 1 = [M 1 L 0 T – 2 ]। इसलिए, सतह ऊर्जा को आयामी रूप से [एम 1 एल 0 टी – 2 ] के रूप में दर्शाया जाता है।
1. यदि हम किसी दिए गए बल के क्षेत्र को बढ़ाते हैं, तो इससे दाब (प्रति इकाई क्षेत्र) [RRB 2018]
(a) बढ़ जाता है
(c) कम हो जाता है
(b) अपरिवर्तित रहता है
(d) शून्य हो जाता है
Click to show/hide
2. थ्रस्ट (प्रणोद) प्रति इकाई क्षेत्र को क्या कहा जाता है? [RRB 2018]
(a) वस्तुमान
(b) बल
(c) दाब
(d) क्षेत्रफल
Click to show/hide
3. रेल के नीचे लकड़ी के स्लीपर ( शहतीर ) इस्तेमाल किए जाते हैं। यह क्या उत्पादित करते हैं? [RRB 2018]
(a) बड़ा क्षेत्र, जिससे दाब घटे
(b) छोटा क्षेत्र, जिससे दाब बढ़े
(c) बड़ा क्षेत्र, जिससे दाब बढ़े
(d) लकड़ी के स्लीपर आसानी से मिल जाते हैं
Click to show/hide
4. किस द्रव को काँच के एक बीकर में रखा गया है । द्रव स्तम्भ द्वारा बीकर के आधार पर आरोपित दाब के सम्बन्ध में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही है? [NDA 2020]
(a) दाब, बीकर के आधार के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है
(b) दाब, द्रव स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है
(c) दाब, द्रव के घनत्व पर निर्भर नहीं करता है
(d) दाब, न तो बीकर के आधार के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है, न ही द्रव स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है
Click to show/hide
5. 1 पास्कल 1… के बराबर होता है । [SSC CHSL 2018]
(a) न्यूटन मी2
(c) न्यूटन मी
(b) न्यूटन मी-2
(d) न्यूटन मी-1
उत्तर ⇒ ???????