केशिकत्व (Capillarity) क्या होता है ? | ExamSector
केशिकत्व (Capillarity) क्या होता है ?

केशिकत्व (Capillarity) क्या होता है ?

Capillarity in Hindi

केशिकत्व (Capillarity)

  • शीशे की बनी एक ऐसी खोखली नली जिसकी त्रिज्या केश के समान बारीक होती है, केशनली (capillary) कहलाती हैं। केशनली को जल में खड़ा करने पर उसमें जल अपने सामान्य तल से कुछ ऊपर उठ जाता है। शीशे की बनी संकीर्ण नली (केशनली) में द्रव के ऊपर चढ़ने अथवा नीचे उतरने की घटना को केशिकात्व कहते हैं। यदि कोई द्रव किसी केशनली में h ऊँचाई तक चढ़ता है या h गहराई तक उतरता है व उसका स्पर्श कोण θ है, तो
H = 2T cos θ / rdg
जहाँ, r = केशनली की त्रिज्या, d = द्रव का घनत्व तथा T = द्रव का पृष्ठ तनाव द्रव की ऊँचाई (h) बढ़ने के बारे में
  1. पृष्ठ तनाव अधिक होने पर ऊँचाई अधिक होगी।
  2. स्पर्श कोण कम होने पर ऊँचाई अधिक होगी।
  3. केशनली की त्रिज्या कम होने पर ऊँचाई अधिक होगी।
  4. द्रवों का घनत्व कम होने पर ऊँचाई अधिक होगी।

केशिकत्व (Capillarity) एक अदृश्य शक्ति है. यह गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध काम करती है. यह किसी तरल पदार्थ को एक ट्यूब या संकीर्ण पाइप में ऊपर धकेलती है. द्रव का यह ऊपर उठना केशिका क्रिया कहलाता है.

केशिका क्रिया के दो अर्थ हैं:

  1. पतली नलिकाओं में द्रवों की गति
  2. सछिद्र माध्यमों (porous media) से होकर द्रवों की गति (जैसे मृदा से होकर पानी का प्रवाह)
  • केशिका क्रिया में सतही तनाव एक महत्वपूर्ण कारक है. केशिका क्रिया दो मूलभूत अंतर-आण्विक बलों द्वारा संपन्न होती है: आसंजन और सामंजस्य.
  • केशिका क्रिया का मूल कारण तरल के वक्र सतह (अवतल और उत्तल) के दो किनारों पर दबाव में अंतर का होना है.
  • केशिका नली में द्रव का ऊपर उठना पृष्ठ तनाव के कारण होता है. तरल केशिका ट्यूब में इतनी ऊंचाई तक चढ़ जाता है कि परिणामी तरल स्तंभ का वजन सतह तनाव के बल से संतुलित हो जाता है.
  • ◆ जिन द्रवों के लिए स्पर्शकोण अधिककोण है, वे केशनली में नीचे उतर आते हैं तथा जिन द्रवों के लिए स्पर्शकोण न्यूनकोण है, वे केशनली में ऊपर चढ़ जाते हैं।
  • ◆ यदि एक केशनली में जल की अपेक्षा एक तरल अधिक ऊँचाई तक चढ़ता है, तो इसका कारण यह है, कि तरल का पृष्ठ-तनाव जल की अपेक्षा अधिक है।
  • ◆ केशनली में द्रव का चढ़ना, ऊर्जा संरक्षण के नियम का उल्लंघन (violate) नहीं करता है।
  • ◆ केशनली का छिद्र जितना अधिक बारीक अर्थात् छिद्र की त्रिज्या जितनी कम होती है। केशनली में द्रव उतना ही अधिक ऊपर चढ़ता है।
  • ◆ चन्द्रमा की सतह पर केशनली में द्रव स्तम्भ की ऊँचाई पृथ्वी की अपेक्षा छः गुनी अधिक होती है।
  • ◆ यदि केशनली की लम्बाई, ऊँचाई से अधिक होती है, तो द्रव नली में इतनी ऊँचाई तक चढ़ जाता है कि द्रव नली की चोटी तक चढ़कर फैल जाता है। परन्तु केशनली के ऊपरी सिरे से बाहर फुहार के रूप में नहीं निकल पाता।

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केशिकत्व (Capillarity) FAQs :- 

Q. केशिकत्व का कारण क्या है?

  • केशिकत्व का मूल कारण तरल के वक्र सतह (अवतल और उत्तल) के दो किनारों पर दबाव में अंतर का होना है।

Q. केशिकात्व का सूत्र क्या है?

  • ऊँचाई h जिसके माध्यम से एक तरल त्रिज्या r की केशिका ट्यूब में ऊपर उठेगा, h=2Scosθrρg द्वारा दी गई है, इसे एसेंट सूत्र के रूप में भी जाना जाता है। यहां S सतह का तनाव है, ρ तरल का घनत्व है और θ संपर्क का कोण है।

1. यदि हम किसी दिए गए बल के क्षेत्र को बढ़ाते हैं, तो इससे दाब (प्रति इकाई क्षेत्र) [RRB 2018]
(a) बढ़ जाता है
(c) कम हो जाता है
(b) अपरिवर्तित रहता है
(d) शून्य हो जाता है

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उत्तर ⇒ { c }

2. थ्रस्ट (प्रणोद) प्रति इकाई क्षेत्र को क्या कहा जाता है? [RRB 2018]
(a) वस्तुमान
(b) बल
(c) दाब
(d) क्षेत्रफल

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उत्तर ⇒ { c }

3. रेल के नीचे लकड़ी के स्लीपर ( शहतीर ) इस्तेमाल किए जाते हैं। यह क्या उत्पादित करते हैं? [RRB 2018]
(a) बड़ा क्षेत्र, जिससे दाब घटे
(b) छोटा क्षेत्र, जिससे दाब बढ़े
(c) बड़ा क्षेत्र, जिससे दाब बढ़े
(d) लकड़ी के स्लीपर आसानी से मिल जाते हैं

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उत्तर ⇒ { a }

4. किस द्रव को काँच के एक बीकर में रखा गया है । द्रव स्तम्भ द्वारा बीकर के आधार पर आरोपित दाब के सम्बन्ध में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही है? [NDA 2020]
(a) दाब, बीकर के आधार के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है
(b) दाब, द्रव स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है
(c) दाब, द्रव के घनत्व पर निर्भर नहीं करता है
(d) दाब, न तो बीकर के आधार के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है, न ही द्रव स्तम्भ की ऊँचाई पर निर्भर करता है

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उत्तर ⇒ { b }

5. 1 पास्कल 1… के बराबर होता है । [SSC CHSL 2018]
(a) न्यूटन मी2
(c) न्यूटन मी
(b) न्यूटन मी-2
(d) न्यूटन मी-1

उत्तर ⇒ ???????

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