बादल या मेघ किसे कहते हैं? बादल के प्रकार (Clouds In Hindi)
Clouds In Hindi
बादल / मेघः –
- वायुमण्डल में काफी ऊँचाई पर खुली स्वच्छन्द हवा में जलवाष्प के संघनन से बने कणों या हिमकणों की विशाल राशि को बादल कहा जाता है । बादल अधिकतम 12000 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं। बादल का निर्माण पृथ्वी की सतह से कुछ ऊँचाई पर होता है इसलिए ये अलग-अलग आकार के होते हैं । अतः इनकी ऊँचाई, घनत्व, विस्तार तथा पारदर्शिता के आधार पर बादलों को निम्न रूपों में विभाजित किया गया है—
(i) पक्षाभ मेघ
(ii) कपासी मेघ
(iii) स्तरी मेघ
(iv) वर्षा मेघ ।
(i) पक्षाभ मेघः
- ये सर्वाधिक ऊँचाई (8000 से 12000 मीटर) पर पाये जाते हैं। इनसे मौसम प्रायः साफ व आकाश स्वच्छ रहता है तथा वर्षा नहीं होती है । ये सफेद चादर की तरह सम्पूर्ण आकाश में फैले रहते हैं। इनके आगमन पर सूर्य तथा चन्द्रमा के चारों ओर प्रभामण्डल बन जाते हैं, जो चक्रवात आने के सूचक हैं।
(ii) कपासी मेघः
- अत्यधिक विस्तृत तथा गहरे काले रंग के सघन एवं भारी बादल होते हैं। इन बादलों से भारी वर्षा, ओला तथा तड़ित झंझा आदि आते हैं । ये रूई के समान दिखते हैं तथा इनकी ऊँचाई 4000 से 7000 मीटर तक होती है । इनकी आकृति गोभी के फूल के समान होती है ।
(iii) स्तरी मेघः
- ये बादल कोहरे के समान होते हैं जो सतह के सबसे निकट पाये जाते हैं । इनकी रचना कई समान परतों से होती है। इनका निर्माण दो विपरीत स्वभाव वाली हवाओं के मिलने से प्रायः शीतोष्ण कटिबंध में शीत ऋतु में होता है।
(iv) वर्षा मेघः
- ये बादल घने एवं काले होते हैं । इनकी सघनता हो जाती है। अतः ये भाग वृष्टिछाया प्रदेश कहलाते हैं ।
बादल या मेघ FAQ –
प्रश्न :- बादल किसे कहते हैं (badal kise kahate hain)
उत्तर :–मेघ जल अथवा हिम के अत्यंत सूक्ष्म कणों के पुंज होते हैं! आर्द्रतायुक्त वायु के आरोहण की प्रक्रिया द्वारा शीतल होकर, संघनन की प्रक्रिया से गुजरने पर वायु में उपस्थित जलवाष्प जल बूंदों और हिम कणों में रूपांतरित हो जाता है! इन संघनित जल अथवा हिम कणों को ही बादल (Clouds) कहा जाता है!
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