CTET 8th December 2019 Exam Paper 2 Answer Key ( Hindi )
CTET Answer Key 8th December 2019, The Official CTET Answer Key 2019 for Paper 1 and Paper 2 of the Central Teacher Eligibility Test Examination held on 8th December 2019 .
CTET 2019 Exam Question Paper I And II Answer Key – 8th December 2019 CTET Question Paper Answer Key All Sets . उम्मीदवारो ने 08th December 2019 को CTET Exam दिया है .CTET Exam Paper 8th December 2019 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।
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Exam Paper :- | Central Teacher Eligbility Test ( CTET ) |
Part = | 4 ( Hindi ) |
Exam Date = | 8th December 2019 |
Exam Time = | 2:00 Pm to 4:30 Pm |
Total Question = | 30 |
Paper | 2 |
Part = 4
Subject = ( Hindi )
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 91 से 97 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए : वह आता – दो ट्रक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लकुटिया टेक, मुट्ठी-भर दाने को- भूख मिटाने को. मुँह फटी पुरानी झोली को फैलाता – दो ट्रक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
91, ‘मुँह’ शब्द में प्रयुक्त चंद्रबिंदु है
(1) नासिक्य
(2) शिरोरेखा
(3) अनुस्वार
(4) अनुनासिक
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92. काव्यांश से हमारे मन में उठने वाला मुख्य भाव
(1) करुणा
(2) चीरता
(3) शृंगार
(4) हास्य
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93. ‘वह आता’ में ‘वह’ सर्वनाम किसका द्योतक हो सकता है?
(1) भिक्षुक
(2) विकलांग
(3) गांधीजी
(4) अतिथि
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94. ‘पेट-पीठ दोनों मिलकर हैं एक’ इसका कारण क्या हो सकता है?
(1) कुछ भी भोजन न करना ।
(2) भीख माँगने का नाटक करना ।
(3) सिकुड़कर बैठना।
(4) झुककर चलना ।
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95. ‘कलेजे के दो टूक करना’ का आशय है
(1) दिल की चीर-फाड़ करना।
(2) कठिनाई पैदा करना।
(3) टुकड़े-टुकड़े करना।
(4) मन को कष्ट पहुँचाना।
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96, भिखारी अपनी झोली क्यों फैलाता है।
(1) मुट्ठी भर अनाज दिखाना चाहता है।
(2) अपनी गरीबी के बारे में बताना चाहता है।
(3) भूख मिटाने के लिए कुछ अन्न चाहता है।
(4) झोली में कुछ छिपाना चाहता है ।
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न 97 से 105 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :
हम श्वास द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करते और कार्बन डाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं । ऐसा ही अधिकतर जानवरों, चिड़ियों, रेंगनेवाले जंतुओं, कीड़ेमकोड़ों के द्वारा भी किया जाता है । दूसरी ओर सभी प्रकार की वनस्पतियाँ कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रहण करती और ऑक्सीजन छोड़ती हैं । यदि हवा में लंबे समय तक ऑक्सीजन और कार्बन डाई-ऑक्साइड का अनुपात एक जैसा रहे तब उसका अर्थ होगा कि पौधों और प्राणियों का जीवन एक दूसरे के अस्तित्व के मामले में समान स्तर पर आ जायेगा । लेकिन यदि हम कार्बन डाई-ऑक्साइड का अनुपात वातावरण में बढ़ा दें तब प्रकृति के द्वारा लाखों सालों से बनाकर रखा गया संतुलन बदल जायेगा। वातावरण और वनस्पतियाँ कार्बन डाई ऑक्साइड का लगातार विनिमय करती रहती हैं। वातावरण से वह वनस्पतियों में जाती है । जब वनस्पतियाँ सड़ने लगती हैं तब उनमें से कार्बन डाई-ऑक्साइड निकलकर पुनः वातावरण में समा जाती है । वनस्पतियाँ इस प्रकार कार्बन डाई-ऑक्साइड वसंत और ग्रीष्म ऋतु में ग्रहण करती हैं और जब वे सर्दियों में नष्ट होने लगती हैं तब उसे छोड़ती हैं । इस प्रकार वातावरण में मौजूद कार्बन डाई-ऑक्साइड की मात्रा में मौसम दर मौसम फर्क होता है।
97. ‘लंबे समय तक’ पद व्याकरण की दृष्टि से है
(1) विशेषण
(2) क्रिया-विशेषण
(3) संज्ञा
(4) सर्वनाम
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98. गद्यांश का मुख्य विषय है –
(1) पौधों और प्राणियों का जीवन
(2) वसंत और ग्रीष्म ऋतु में वनस्पतियाँ
(3) ऑक्सीजन और कार्बन डाई-ऑक्साइड का संतुलन
(4) श्वास द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण
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99. ‘विनिमय’ = ??
(1) लेना-देना
(2) आना-जाना
(3) लेना-पहुँचाना
(4) देना-खरीदना
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100. हम साँस के साथ
(1) कार्बन डाई-ऑक्साइड लेते और छोड़ते हैं।
(2) कार्बन डाई-ऑक्साइड लेते और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
(3) ऑक्सीजन छोड़ते और ग्रहण करते हैं।
(4) ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं।
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101. ऑक्सीजन ग्रहण करने में अधिकांश जीवधारियों का स्वभाव
(1) मानव की तरह है।
(2) विचित्र प्रकार का है।
(3) मानव से भिन्न है।
(4) मानव के विपरीत है।
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102. वनस्पतियाँ जब सड़ने लगती हैं तो वातावरण को मिलती है।
(1) कार्बन डाई-ऑक्साइड
(2) जैविक खाद
(3) ऑक्सीजन
(4) नाइट्रोजन
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103. पौधों और प्राणियों का जीवन एक-दूसरे के अस्तित्व के समान आ जाएगा, जब हवा में लंबे समय तक
(1) कार्बन डाई-ऑक्साइड और ऑक्सीजन का अनुपात समान रहे।
(2) वनस्पतियाँ कार्बन डाई-ऑक्साइड का विनिमय करती रहें।
(3) सूर्य का प्रकाश मिलता रहे।
(4) कार्बन डाई-ऑक्साइड मिलना बंद हो जाए।
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104. ‘वातावरण’ का विग्रह और समास होगा
(1) वात का बना ऐसा आवरण – बहुव्रीहि
(2) वातावरण रूपी वात – कर्मधारय
(3) वात और आवरण – वंद्व
(4) वात का आवरण – तत्पुरुष
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105. ‘श्वास’ और ‘ऑक्सीजन’ शब्द हैं –
(1) देशज आगत
(2) तत्सम आगत
(3) तत्सम तद्भव
(4) तद्भव देशज
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