Ecology and Branches of Ecology in Hindi
पारिस्थितिकी क्या है ? पारिस्थितिकी की शाखाएँ

पारिस्थितिकी क्या है ? पारिस्थितिकी की शाखाएँ (Ecology and Branches of Ecology in Hindi)

Ecology and Branches of Ecology in Hindi

पारिस्थितिकी क्या है ?

  • अंग्रेजी भाषा का ‘इकोलॉजी’ (Ecology) शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों oikos और logos से मिलकर बना है। Oikos का अर्थ ‘घर’ (House) या ‘रहने का स्थान’ (Place to live) तथा logos का अर्थ ‘अध्ययन’ (Study) या ‘चर्चा’ (Discussion) है। अतः शाब्दिक अर्थ में पारिस्थितिकी (Ecology) जीवधारियों और उनके आवासों के बीच होने वाले सम्बन्धों का अध्ययन करता है। इस प्रकार पारिस्थितिकी जीव-विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत जीवों के वातावरण के साथ अन्तः सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
  • ‘पारिस्थितिकी’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सन् 1868 में रिटर महोदय ने किया था, लेकिन इसको पूर्ण रूप से परिभाषित और विस्तृत अध्ययन का श्रेय जर्मन जीव वैज्ञानिक आर्नेस्ट हैकल को जाता है। आर्नेस्ट हैकल ने पारिस्थितिकी को परिभाषित करते हुए लिखा है कि जैविक तथा अजैविक वातावरण के साथ प्राणियों के अन्तः सम्बन्धों का सम्पूर्ण अध्ययन ही पारिस्थितिकी है।’ टायलर ने पारिस्थितिकी की ऐसे विज्ञान के रूप में परिभाषित किया है जो सभी जीवों के सभी सम्बन्धों का तथा उनके सभी वातावरणों के साथ सम्बन्धों का अध्ययन करता है।
  • उपरोक्त सभी परिभाषाओं से यह निष्कर्ष निकलता है कि पारिस्थितिकी प्रकृति में पाये जाने वाले विभिन्न जीव जन्तुओं के आपसी सम्बन्धों के साथ-साथ उनके जीवन को प्रभावित करनेवाले विभिन्न जैविक तथा अजैविक घटकों का अध्ययन करता है।

पारिस्थितिकी की शाखाएँ:

  • पारिस्थितिकी की निम्नलिखित शाखाएँ हैं-
  1. स्वपारिस्थितिकी (Autoecology): जब किसी जीव विशेष अथवा एक ही स्पेशीज के सभी जीवों के सामूहिक जीवन पर पर्यावरण के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है, तो उसे स्वपारिस्थितिकी कहते हैं।
  2. संपारिस्थितिकी (Synecology): जब जीव के विभिन्न समूहों और उनका पर्यावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है, तो उसे संपारिस्थितिकी कहा जाता है। संपारिस्थितिकी की दो भागों में विभाजित किया गया है-
    (a) जलीय पारिस्थितिकी (Aquatic ecology): इसके अन्तर्गत जलीय जीवन के विभिन्न समुदायों का अन्तः सम्बन्ध और उनका पर्यावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
    (b) स्थलीय पारिस्थितिकी (Terrestrial ecology): इसके अन्तर्गत स्थलीय जीवन के अन्तः सम्बन्धों और उसके वातावरण का अध्ययन किया जाता है।
  3. प्राणी पारिस्थितिकी (Animal ecology): इसके अन्तर्गत विभिन्न प्राणियों के आपसी सम्बन्धी तथा वातावरण का अध्ययन किया जाता है।
  4. पादप पारिस्थितिकी (Plant ecology): इसके अन्तर्गत समुदायों के वातावरण के साथ संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
  5. आवास पारिस्थितिकी (Habitat ecology): इसके अन्तर्गत जैवमण्डल में पाए जाने वाले जीवधारियों के विभिन्न प्राकृतिक आवासों और उनका वातावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।
  6. संरक्षण पारिस्थितिकी (Conservation ecology): इसके अन्तर्गत विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रबंध, प्रयोग तथा पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उनके संरक्षण के महत्व का अध्ययन किया जाता है।
  7. विकिरण पारिस्थितिकी (Radiation ecology): इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के विकिरण तथा रेडियो सक्रिय पदार्थों का पर्यावरण एवं जीवधारियों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।
  8. मानव पारिस्थितिकी (Human ecology): इसके अन्तर्गत मानव और उसको प्रभावित करने वाले विभिन्न वातावरणों का अध्ययन किया जाता है।
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