जानें क्या है प्रत्यास्थता (Elasticity)
जानें क्या है प्रत्यास्थता (Elasticity)
Elasticity in Hindi
प्रत्यास्थता (Elasticity)
- किसी पदार्थ का वह गुण जिसके कारण वह किसी बाह्य (विरूपक) वल के द्वारा अपनी अवस्था (आकार या आकृति) में परिवर्तन का विरोध करती है तथा बल हटाने पर अपनी प्रारम्भिक अवस्था को पुनः प्राप्त कर लेती है अथवा प्राप्त करने का प्रयत्न करती है, प्रत्यास्थता कहलाता है।
प्रत्यास्थता से सम्बन्धित कुछ पद (Some Terms Related to Elasticity)
(i) विरूपक बल (Deforming Force)
- किसी वस्तु पर लगाया गया वह वाह्य वल जो वस्तु के आकार या आकृति अथवा दोनों में परिवर्तन कर दे, विरूपक वल कहलाता है।
(ii) पूर्ण प्रत्यास्थ वस्तु (Perfectly Elastic Body)
- जो वस्तुएँ विरूपक वल हटा लेने पर अपनी पूर्व अवस्था को पूर्णतः प्राप्त कर लेती हैं, पूर्ण प्रत्यास्य वस्तुएँ कहलाती हैं। कोई भी वस्तु पूर्णतः प्रत्यास्थ नहीं होती, परन्तु क्वार्ट्ज (quartz) तथा फॉस्फर ब्रांज (phosphor bronze) को लगभग पूर्ण प्रत्यास्थ मानते हैं।
(iii) सुघट्यता (Plasticity)
- किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वह विरूपक वल हटा लेने पर अपनी पूर्व अवस्था में आने का प्रयत्न नहीं करती है, सुघट्यता कहलाता है।
(iv) पूर्ण सुघट्य वस्तु (Perfectly Plastic Body)
- जो वस्तुएँ विरूपक वल को हटा लेने पर अपनी पूर्व अवस्था में नहीं लौटती वरन् सदैव के लिए विरूपित (deformed ) हो जाती हैं, पूर्ण सुघट्य वस्तुएँ कहलाती हैं। उदाहरण गीली मिट्टी, मोम का टुकड़ा, आदि ।
(v) प्रत्यास्थ उत्तर प्रभाव (Elastic After Effect)
- विरूपक बल हटा लेने पर वस्तु द्वारा अपनी पूर्व अवस्था को प्राप्त करने में लगी देरी प्रत्यास्थ उत्तर प्रभाव कहलाती है। यह वह समय है जिसमें विरूपक वल हटाने के पश्चात् प्रत्यानयन बल उपस्थित रहता है। पूर्ण प्रत्यास्थ पदार्थों जैसे क्वार्ट्ज, फॉस्फर ब्रांज में प्रत्यास्थ (elastic) उत्तर प्रभाव नगण्य होता है तथा ग्लास फाइबर के लिए यह अधिक होता है।
(vi) प्रत्यास्थ श्रान्ति (Elastic Fatigue)
- विरूपक बल का पुनः प्रयोग करने पर किसी प्रत्यास्थ वस्तु के प्रत्यास्थता के गुण का कम होना प्रत्यास्थ श्रान्ति कहलाता है।
(vii) प्रतिबल (Stress )
- किसी वस्तु पर लगाये गये विरूपक वल के कारण वस्तु के विकृत हो जाने पर वस्तु के अणुओं के बीच एक आन्तरिक प्रतिक्रियात्मक बल क्रियाशील हो जाता है, जोकि वस्तु को पुनः उसी रूप में लाने का प्रयत्न करता है। बाह्य बल के कारण वस्तु के अनुप्रस्थ-काट के एकांक क्षेत्रफल पर कार्य करने वाले आन्तरिक प्रतिक्रिया बल को प्रतिबल कहते हैं।
- प्रतिबल = आन्तरिक प्रतिक्रिया बल / क्षेत्रफल
- प्रतिबल का मात्रक न्यूटन / मी2 तथा विमा [ML-1 T-2 ] होती है |
(viii) विकृति (Strain)
- जब किसी वस्तु पर विरूपक बल आरोपित होता है, तो उसके आकार अथवा रूप अथवा दोनों में परिवर्तन हो जाता है, तब यह कहा जाता है कि वस्तु विकृत हो गई।
- अतः वस्तु की विमा (आकार अथवा रूप) में होने वाले भिन्नात्मक परिवर्तन को विकृति कहते हैं।
- विकृति = विमा में परिवर्तन / प्रारम्भिक विमा
- विकृति दो समान राशियों का अनुपात होता है, अतः इसका कोई मात्रक नहीं होता है। यह एक विमाहीन राशि है।
(ix) प्रत्यास्थता की सीमा (Limit of Elasticity)
- प्रत्यास्थ वस्तुएँ विरूपक वल हटा लेने पर अपनी पूर्व अवस्था प्राप्त कर लेती हैं परन्तु उनमें यह गुण विरूपक बल के निश्चित मान तक ही विद्यमान रहता है।
- अतः किसी वस्तु पर लगाये गये विरूपक बल की वह अधिकतम सीमा जिसके अन्तर्गत वस्तु में प्रत्यास्थता का गुण विद्यमान रहता है, साथ ही प्रतिवल तथा विकृति समानुपाती होते हैं। उस वस्तु की प्रत्यास्थता की सीमा कहलाती है।
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प्रत्यास्थता (Elasticity) FAQs :-
Q. प्रत्यास्थता का मात्रक क्या है?
- प्रत्यास्थता गुणांक (E) का मान भिन्न-भिन्न होता है. इसका S.I. मात्रक न्यूटन मीटर ^-2 होता है. जिसे पास्कल कहते हैं.
Q. प्रत्यास्थता नियतांक क्या है?
- प्रत्यास्थता की सीमा में प्रतिबल और विकृति के अनुपात को प्रत्यास्थता गुणांक कहते हैं। इसका मात्रक न्यूटन/मीटर2 होता है।
Q. मापांक कितने प्रकार के होते हैं?
- लोचदार मापांक के तीन अलग-अलग प्रकार हैं: यंग मापांक। अपरूपण – मापांक। समान बल के खिलाफ किसी वस्तु का प्रतिरोध।
1. निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे अधिक प्रत्यास्थ है? [SSC 2013]
(a) रबड़
(c) स्टील
(b) गीली मिट्टी
(d) प्लास्टिक
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उत्तर ⇒ { c }
2. रबर की अपेक्षा स्टील अधिक प्रत्यास्थ है, क्योंकि [SSC CGL 2013]
(a) इसका विरूपक बल बहुत आसान होता है
(b) यह रबर से कठोर होती है
(c) अधिक विरूपक बल की आवश्यकता होती है
(d) विरूपक बल कभी नहीं लगता है
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उत्तर ⇒ { c }
3. हुक का नियम निम्नलिखित में से किसके लिए मान्य है? [CDS 2019]
(a) प्रतिबल – तनाव वक्र का केवल समानुपातिक क्षेत्र
(b) सम्पूर्ण प्रतिबल – तनाव वक्र
(c) प्रतिबल-तनाव वक्र का सम्पूर्ण प्रत्यास्थ क्षेत्र
(d) प्रतिबल – तनाव वक्र के प्रत्यास्थ क्षेत्र के साथ-साथ उसके सुघट्य (प्लास्टिक) क्षेत्र
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उत्तर ⇒ { a }
4. एक ही पदार्थ से बने चार तार, जिनकी विमाएँ नीचे दी गई हैं, अलग-अलग बार एक ही भार से खींचे जाते हैं। उनमें से किस एक में अधिकतम दैर्ध्यवृद्धि होगी? [IAS (Pre) 2007]
(a) 1 मी लम्बाई और 2 मिमी व्यास वाला तार
(b) 2 मी लम्बाई और 2 मिमी व्यास वाला तार
(c) 3 मी लम्बाई और 1.5 मिमी वाला तार
(d) 1 मी लम्बाई और 1 मिमी व्यास वाला तार
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उत्तर ⇒ { c }
5. दृढ़तांक निम्नलिखित में से किसका अनुपात है? [SSC 2010]
(a) अनुदैर्ध्य प्रतिबल के साथ अनुदैर्ध्य विकृति
(b) आयतन प्रतिबल के साथ आयतन विकृति
(c) अपरूपण प्रतिबल के साथ अपरूपण विकृति
(d) तनन प्रतिबल के साथ तनन विकृति
उत्तर ⇒ ???????
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