घर्षण किसे कहते हैं? घर्षण बल के प्रकार, परिभाषा, लाभ & दोष
Friction force in hindi & gharshan bal
घर्षण (Friction)
- कोई वस्तु जब किसी दूसरी वस्तु की सतह पर फिसलती या लुढ़कती है अथवा ऐसा करने का प्रयास करती है, तो उनके मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करने वाले बल को घर्षण कहते हैं। इसकी दिशा सदैव वस्तु की आपेक्षिक गति की दिशा के विपरीत होती है। वास्तव में, जब एक वस्तु का तल किसी अन्य वस्तु के तल पर फिसलता हैं, तो प्रत्येक वस्तु दूसरी वस्तु पर घर्षण बल लगाती है। जोकि वस्तुओं के सम्पर्क- तलों के समान्तर होता है जैसे—धरातल पर लुढ़कती गेंद ।
घर्षण के प्रकार (Types of Friction)
घर्षण तीन प्रकार के होते हैं-
1. स्थैतिक घर्षण बल (Static Frictional Force)
- जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु के तल पर चलाने का प्रयास किया जाता है, तो गति की अवस्था में आने से पहले दोनों वस्तुओं के स्पर्शी तलों के मध्य लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं। यह स्वतः समायोजित बल होता है तथा आरोपित बल के बढ़ने पर यह भी बढ़ता है, अतः स्थैतिक घर्षण बल (f8 ) = u8 R
यहाँ, u8 = स्थैतिक घर्षण बल का गुणांक तथा R = प्रतिक्रिया बल
यदि घर्पण कोण θ हो, तब स्थैतिक घर्षण गुणांक u8 = tan θ
2. सीमान्त घर्षण बल (Limiting Frictional Force)
- जब वस्तु पर आरोपित वल का मान बढ़ाते हैं तो स्थैतिक घर्षण बल भी बढ़ता जाता है, स्थैतिक घर्षण बल के इस अधिकतम मान को सीमान्त घर्षण बल कहते हैं।
सीमान्त घर्षण बल ft = ut R
जहाँ, ut = सीमान्त घर्षण गुणांक तथा R = अभिलम्ब प्रतिक्रिया
- सीमान्त घर्षण बल की दिशा सदैव उस दिशा के विपरीत होती है, जिसमें वस्तु में गति करने की प्रवृत्ति होती है। यदि वस्तुओं के मध्य अभिलम्ब प्रतिक्रिया अपरिवर्तित रहे तो सीमान्त घर्षण सम्पर्क तल के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है। सीमान्त घर्षण बल, सम्पर्क तलों की प्रकृति अर्थात् उनके खुरदरेपन तथा पदार्थ पर निर्भर करता है।
3. गतिक घर्षण बल (Kinetic Frictional Force)
- जब एक वस्तु अन्य वस्तु की सतह पर वास्तव में गति करती है, तो उनके मध्य आपेक्षिक गति का विरोध करने वाला बल ही गतिक घर्षण बल ( fk ) कहलाता है अर्थात्
गतिक घर्षण बल fk = uk N
जहाँ, uk = गतिक घर्षण गुणांक तथा R = अभिलम्ब प्रतिक्रिया
- गतिक घर्षण बल का मान तलों के आपेक्षिक वेग के मापांक पर निर्भर नहीं करता है, परन्तु अधिकतम वेग के लिए इसका मान नगण्य होता है।
गतिक घर्षण बल दो प्रकार का होता है
(i) लोटनिक घर्षण बल (Rolling Frictional Force)
- जब कोई वस्तु किसी सतह पर लुढ़कती है, तो वस्तु तथा सतह के बीच लगने वाला बल लोटनिक घर्षण बल कहलाता है। लोटनिक घर्षण बल स्थैतिक या गतिक घर्षण बल की तुलना में नगण्य होता है।
(ii) सर्पी घर्षण बल (Sliding Frictional Force)
- जब कोई वस्तु किसी सतह पर सरकती है, तो सरकने वाली वस्तु तथा उस सतह के बीच लगने वाला घर्षण बल सर्पी घर्षण बल कहलाता है। सर्पी घर्षण बल सदैव कि लोटनिक घर्षण बल से अधिक होता है।
घर्षण एक आवश्यक दोष है (Friction is a Necessary Evil)
- घर्षण को आवश्यक बुराई कहा जाता है। इसकी उपस्थिति भी आवश्यक है क्योंकि हम इसके बिना नहीं चल सकते हैं तथा किसी वस्तु को पकड़ नहीं सकते हैं। यह एक बुराई है, क्योंकि इसमें ऊर्जा की अनावश्यक क्षति होती है।
घर्षण की आवश्यकता (Necessity of Friction)
- (i) पैरों तथा भूमि के बीच घर्षण न होने पर हम चल नहीं सकते हैं। बर्फ पर अथवा चिकनी सतह पर घर्षण कम होने के कारण चलना बहुत कठिन होता है।
- (ii) भीगी अथवा कीचड़ वाली अथवा तेलीय सड़क (wet or muddy or oily road) पर घर्षण कम हो जाने के कारण साइकिल तथा कार आदि के फिसलने की सम्भावना अधिक होती है। इसलिए घर्षण बढ़ाने के लिए इन वाहनों के टायरों को खुरदरा (rough) बनाते हैं।
- (iii) घर्षण की अनुपस्थिति में वाहनों के ब्रेक प्रभावकारी नहीं रहते हैं।
- (iv) घर्षण की अनुपस्थिति में मशीनें कार्य नहीं करती हैं।
- (v) घर्षण की उपस्थिति के कारण ही ब्लैक बोर्ड या पेपर पर लिखना सम्भव है।
- (vi) ईंटों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर दीवार बनाना भी घर्षण के कारण ही सम्भव है।
- (vii) घर्षण के कारण वस्तु को आवेशित भी किया जा सकता है।
घर्षण, एक दोष (Friction is an Evil)
- (i) घर्षण के कारण ऊर्जा का एक बड़ा भाग व्यर्थ हो जाता है, इसलिए मशीन की दक्षता (efficiency) कम हो जाती है।
- (ii) अत्यधिक घर्षण के कारण मशीन में टूट-फूट (wear and tear) होती है।
- (iii) घर्षण के कारण मशीन के गतिशील भागों में ऊष्मा उत्पन्न होती है तथा ये भाग गर्म हो जाते हैं।
- (iv) घर्षण के कारण मशीनों के आवेशित हो जाने के कारण दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।
घर्षण को कम करने की विधियाँ (Methods to Reduce Friction)
घर्षण हानिकारक होने के कारण एक दोष है, अतः निम्न वर्णित विधियों द्वारा इसको कम किया जाता है
- (i) पॉलिश द्वारा (By polishing) किसी वस्तु की सतह पर एक विशेष पदार्थ की पतली परत (fine layer) लगाने को पॉलिश करना कहते हैं। यह पदार्थ सतह के प्रक्षेपणों के बीच के स्थान में भर जाता है तथा सतह चिकनी हो जाती है और घर्षण कम हो जाता है। किसी सतह को रगड़ कर (इसके चिकना होने पर) भी घर्षण कम किया जा सकता है।
- (ii) स्नेहक (Lubricants) जब सम्पर्क में रखी दो सतहों के बीच स्नेहक (तेल अथवा ग्रीज (grease) आदि) डाल देते हैं, तो यह दोनों सम्पर्क में रहने वाले दो सतहों के बीच एक पतली परत के रूप में फैल जाती है, तब दोनों सतहों का सीधा सम्पर्क नहीं हो पाता है तथा घर्षण काफी कम हो जाता है।
- (iii) उचित पदार्थ के प्रयोग से घर्षण का मान पदार्थों की प्रकृति पर भी निर्भर करता है । कंकरीट तथा रबड़ के बीच घर्षण बल का मान कंकरीट तथा लोहे के बीच घर्षण बल के मान से कम होता है। इसी कारण वाहनों के टायर रबड़ के बनाये जाते हैं
- (iv) बॉल बियरंग द्वारा (By ball bearing) गत्यात्मक घर्षण की अपेक्षा लोटनी घर्षण काफी कम होता है। मशीन में टूट-फूट कम करने तथा घर्षण के विरुद्ध ऊर्जा ह्रास कम करने के लिए, मशीन के घूमने वाले भागों (सतहों) के बीच स्टील की छोटी-छोटी ठोस गोलियाँ रख देते हैं, जिनको बॉल बियरिंग (ball bearings) कहते हैं।
जब एक भाग दूसरे भाग के सापेक्ष चलता है, तो ये गोलियाँ दोनों भागों पर घूमती हैं। इस प्रकार गत्यात्मक घर्षण के स्थान पर लोटनी घर्षण ही प्रभावशाली होता है, जिसका मान बहुत कम होता है, अतः ऊर्जा हास काफी कम हो जाता है।
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घर्षण (Friction) FAQ :-
1.न्यूटन का गति का पहला नियम किससे संबंधित है:-
A. संवेग
B. जड़त्व
C.त्वरण
D. भार
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2.न्यूटन का गति का दूसरा नियम किससे संबंधित है:-
A.संवेग
B.त्वरण
C.चाल
D.संवेग परिवर्तन की दर
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3.न्यूटन के किस नियम से हमें बल की परिभाषा प्राप्त होती है:-
A.गति का पहला नियम।
B.गति का दूसरा नियम
C.गति का तीसरा नियम
D.इनमे से कोई नहीं
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4. F=ma न्यूटन के किस नियम को दर्शाता है:-
A.गति का पहला नियम
B.गति का दूसरा नियम
C.गति का तीसरा नियम
D.इनमें से कोई नहीं
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5.क्रिया-प्रतिक्रिया न्यूटन के गति के किस नियम से संबंधित है:-
A.पहला नियम
B.दूसरा नियम
C.तीसरा नियम
D.इनमें से कोई नहीं
उत्तर ⇒ ???????
घर्षण की परिभाषा क्या है?
- घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है। घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है।
घर्षण गुणांक का सूत्र क्या है?
- घर्षण गुणांक (μ) = f/N