हिंदी दिवस पर कविता
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को भारत में हिंदी भाषा की समृद्धि और महत्ता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर प्रस्तुत है एक 500 शब्दों की कविता:
हिंदी का सम्मान
हिंदी हमारी मातृभाषा, गौरव है अभिमान।
संस्कृति की धारा में, बहे इसकी पहचान॥
वेदों की यह वाणी है, ऋषियों का आशीर्वाद।
जन-जन में है समाई, यह भारत की आवाज़॥
अक्षरों की यह माला, है मोती जैसे प्यारे।
गंगाजल सी पावन, हर शब्द में हैं सितारे॥
ग्राम से शहर तक फैली, यह भाषा सबकी जान।
मंदिर की आरती में, और मस्जिद की अज़ान॥
कहानी हो या कविता, हर रूप में यह ढली।
संस्कृतियों की संगम, हर दिल में है पली॥
Short Hindi Diwas Poem
महादेवी, प्रेमचंद, और निराला का है मान।
इनकी लेखनी से गूंजी, हिंदी की पहचान॥
बालक की पहली बोली, माँ के दिल की पुकार।
हिंदी में है मिठास, जैसे हो गुड़ की धार॥
भारत की हर धड़कन में, हिंदी की बसी है राग।
एकता और अखंडता की, यह है अमर पटाख॥
विज्ञान हो या तकनीक, हर क्षेत्र में यह छाई।
नई पीढ़ी की भाषा, हर दिल में बसाई॥
संस्कृति की नींव पर, खड़ी है यह दीवार।
भाषाओं की महफिल में, हिंदी है सिरमौर॥
दुनिया में चाहे जहां जाओ, हिंदी है साथ चले।
हर कोने में गूंजे, इसकी मधुर मखमली ध्वनि॥
राजभाषा का गौरव, हर दिल में है समाई।
सब मिलकर मनाएं, हिंदी की महिमा बढ़ाई॥
शब्दों के इस सागर में, मोती हम चुनें सदा।
हिंदी की इस धारा में, जीवन को हम सनें सदा॥
हर शब्द है अनमोल, हर वाक्य है मधुबन।
हिंदी दिवस पर हम सब, करें इसका अभिनंदन॥
विद्यालय हो या कार्यालय, हर जगह यह फहरे।
भाषाओं की इस बगिया में, हिंदी का ही फूल खिले॥
संस्कृति के इस दीपक में, हिंदी की हो लौ।
हर दिल में यह बस जाए, यह हमारी प्रतिज्ञा हो॥
साहित्य का सागर है, इसमें ज्ञान की धारा।
हिंदी का सम्मान करें, यही जीवन का नारा॥
आओ मिलकर संकल्प लें, हिंदी को बढ़ाएं।
हर दिल में हो यह बसी, हर जुबां पर यह आए॥
हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारा मान।
आओ मिलकर मनाएं, हिंदी दिवस महान॥
निष्कर्ष
हिंदी दिवस का यह अवसर हमें हमारी भाषा और संस्कृति के महत्व को याद दिलाता है। यह कविता हिंदी भाषा की महिमा और उसकी समृद्धि को समर्पित है। हिंदी दिवस पर इस कविता के माध्यम से हम सभी को अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को और भी प्रबल बनाने का संकल्प लेना चाहिए।