मेण्डल के वशांगति के नियम (Mendel’s laws of inheritance)
Mendel’s law in Hindi
- मेण्डल ने उद्यान मटर (Pisum sativum) पर संकरण प्रयोगों के द्वारा कुछ महत्वपूर्ण नियमों का प्रतिपादन किया, जिन्हें मेण्डल के वशांगति या आनुवंशिकता के नियम कहते हैं । ये नियम निम्नलिखित हैं-
1. प्रभाविता का नियम (Law of dominance)
2. पृथक्करण का नियम या युग्मकों की शुद्धता का नियम (Law of segregation or Law of purity of gametes)
3. स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of independent assortment)
1 प्रभाविता का नियम (Law of dominance)
- यह नियम मेण्डल द्वारा प्रतिपादित एक संकर संकरण के परिणामों पर आधारित है । इस नियम के अनुसार जब एक लक्षण के लिए विपर्यासी समयुग्मजी पादपों में संकरण कराया जाता है तो वह लक्षण जो F, पीढ़ी में अपनी अभिव्यक्ति दर्शाता है, प्रभावी (Dominant) कहलाता है तथा वह लक्षण जो F1 पीढी में अपनी अभिव्यक्ति नहीं दर्शाता है उसे अप्रभावी (Recessive) कहते हैं ।
उदाहरण – यदि शुद्ध या समयुग्मजी लम्बे (TT) पौधे को शुद्ध या समयुग्मजी बौने (tt) पौधे से संकरण कराया जाता है तो F पीढ़ी में सभी पौधे (100%) लम्बे (Tt) प्राप्त होते है ।
2 पृथक्करण का नियम या युग्मकों की शुद्धता का नियम (Law of segregation or Law of purity of gametes)
- यह नियम भी मेण्डल के एकसंकर संकरण के परिणामों पर आधारित है। इस नियम के अनुसार – F, पीढ़ी के संकर या विषमयुग्मजी से युग्मक बनते समय दोनों युग्मविकल्पी (Alleles) एक- दूसरे से पृथक होकर अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं अतः इसे पृथक्करण का नियम या विसयोंजन का नियम कहते हैं तथा प्रत्येक युग्मक में एक लक्षण के लिए एक युग्मविकल्पी पाया जाता है अतः इसे युग्मकों की शुद्धता का नियम भी कहते हैं।
उदाहरण – यदि समयुग्मजी लम्बे (TT) एवं समयुग्मजी बौने (tt) पौधों में संकरण कराया जाता हैं तो F पीढ़ी में सभी संकर (Hybrid) अथवा विषमयुग्मजी लम्बे (Tt) पौधे प्राप्त होते हैं। विषमयुग्मजी में दोनों युग्मविकल्पी साथ-साथ रहते हुए एक-दूसरे से संदूषित नहीं होते है, युग्मक बनते समय दोनों युग्मविकल्पी एक-दूसरे से पृथक होकर अलग-अलग युग्मकों में पहुँच जाते हैं। जिस कारण F2 पीढ़ी में बौनेपन (tt) का लक्षण फिर से प्रकट हो जाता है । F2 पीढ़ी का लक्षण प्रारूप अनुपात (Phenotypic ratio) 3: 1 तथा जीन प्ररूप अनुपात (Genotypic ratio) 1 : 2 : 1 प्राप्त होता है ।
- संकरपूर्वज संकरण (Back cross) – यदि F1 पीढ़ी (Tt) के पौधे का संकरण दोनों जनकों TT या tt में से किसी एक के साथ किया जाता है तो इसे संकरपूर्वज संकरण (Back cross) कहते हैं ।
इसके दो प्रकार है-
1. बाह्य संकरण (Out cross ) – इस प्रकार के संकरण में F1 पीढ़ी के पादप (Tt) का संकरण अपने प्रभावी जनक (TT) से करवाया जाता है । इस संकरण से प्राप्त संतति में सभी पौधे लम्बे प्राप्त होते हैं जिनमें 50% समयुग्मजी लम्बे (TT) तथा 50% विषमयुग्मजी लम्बे (Tt) पौधे प्राप्त होते हैं ।
2. परीक्षण संकरण (Test Cross) – यदि F1 पीढ़ी (Tt) का संकरण अप्रभावी जनक (tt) के साथ कराया जाता है तो इसे परीक्षण संकरण (Test cross) कहते हैं। इस संकरण से प्राप्त संतति में लक्षण प्ररूप (Phenotype) एवं जीनप्ररूप ( Genotype) समान अर्थात् 1 : 1 प्राप्त होती हैं । 50% विषमयुग्मजी लम्बे (Tt) तथा 50% समयुग्मजी बौने (tt) पौधे प्राप्त होते है ।
3 स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of independent assortment)
- मेण्डल का यह नियम द्विसंकर संकरण के परिणामों पर आधारित है। इस नियम के अनुसार – यदि दो या दो से अधिक विपर्यासी लक्षणों युक्त पादपों को संकरण कराया जाता है तो एक लक्षण की वशांगति का दूसरे लक्षण की वशांगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अर्थात् प्रत्येक लक्षण के युग्मविकल्पी केवल पृथक ही नहीं होते अपितु विभिन्न लक्षणों के युग्मविकल्पी (Alleles) एक-दूसरे के प्रति स्वतन्त्र रूप से व्यवहार करते हैं या स्वतंत्र रूप से अपव्यूहित होते है अतः इसे स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम (Law of independent assortment) कहते हैं ।
- उदाहरण – यदि मटर के समयुग्मजी पीले गोलाकार (YYRR) बीज वाले पौधे का हरे, झुर्रीदार (yyrr) बीज वाले पौधे से संकरण काराया जाता है तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे पीले गोलाकार (Yellow rounded) बीज (YyRr) वाले प्राप्त होते है।
आनुवंशिकी (Genetics) Questions and Answers in Hindi
1. जेनेटिक्स शब्द किसने दिया?
(क) मेण्डल।
(ख) बेटसन
(ग) मॉर्गन
(घ) पुनेट
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2. मेण्डल ने अपने प्रयोग किस पर किये?
(क) मीठा मटर
(ख) जंगली मटर
(ग) उद्यान मटर
(घ) उपरोक्त सभी
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3. आनुवंशिकता एवं विभिन्नताओं के अध्ययन की शाखा को कहते हैं
(क) आनुवंशिकी
(ख) जीयोलोजी
(ग) वानिकी
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
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4. मटर की फली को हरा रंग कैसा लक्षण है?
(क) प्रभावी
(ख) अप्रभावी
(ग) अपूर्ण प्रभावी
(घ) सहप्रभावी
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5. सामान्यतया किसी जीन के कितने युग्मविकल्पी होते हैं
(क) चार
(ख) तीन
(ग) दो
(घ) एक
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6. मेण्डल ने कितने विपर्यासी लक्षणों के युग्म अपने प्रयोगों के लिए चुने
(क) 34
(ख) 2
(ग) 12
(घ) 7
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7. जब F1 पीढी का संकरण किसी एक जनक से कराया जाता है तो उसे कहते हैं
(क) व्युत्क्रम क्रॉस
(ख) टेस्ट क्रॉस
(ग) संकरपूर्वज क्रॉस
(घ) उपरोक्त सभी
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8. संकरण Tt x tt से प्राप्त सन्तति का अनुपात होगा
(क) 3 : 1
(ख) 1 : 1
(ग) 1 : 2 : 1
(घ) 2 : 1
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9. मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए किस विपर्यासी लक्षण को नहीं चुना
(क) जड़ का रंग
(ख) पुष्प का रंग।
(ग) बीज का रंग
(घ) फली का रंग
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10. एकसंकर संकरण की F2 पीढ़ी में कितने प्रकार के जीनोटाइप बनते हैं
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 9
उत्तर ⇒ ????
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