जल विद्युत उत्पन्न करने का सिद्धान्त (Principle of Generating Hydro Electricity) | ExamSector
जल विद्युत उत्पन्न करने का सिद्धान्त (Principle of Generating Hydro Electricity)

जल विद्युत उत्पन्न करने का सिद्धान्त (Principle of Generating Hydro Electricity)

Principle of Generating Hydro Electricity in Hindi

  • जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए नदियों के बहाव को रोककर बड़े जलाशयों में जल एकत्र करने के लिए ऊँचे-ऊँचे बाँध बनाये जाते हैं जिससे इन जलाशयों में जल संचित होता रहता है जिसके फलस्वरूप इनमें भरे जल का तल ऊँचा हो जाता है। तब जल स्तर चढ़ने के कारण, बहते जल की गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है तथा बाँध के ऊपरी भाग से पाइपो द्वारा जल, बाँध के आधार के पास स्थित टरबाइन (turbine) के ब्लेडों पर मुक्त रूप से गिरता है जिसके फलस्वरूप टरबाइन के ब्लेड घूर्णन गति करते है तथा जनित्र (generator) द्वारा विद्युत उत्पादन होता है।

जल विद्युत उत्पन्न करने का सिद्धान्त (Principle of Generating Hydro Electricity)

पन बिजली के लाभ निम्न प्रकार हैं

  • (i) इससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है।
  • (ii) इसमें प्रयोग होने वाला वहता हुआ पानी बिना मूल्य के मिलता है।
  • (iii) जल, ऊर्जा का नवीकरण स्रोत है जो कभी भी नष्ट नहीं होगा चूँकि जब भी वर्षा होती है, तो जलाशय पुनः जल से पूर्ण भर जाते हैं।
  • (iv) नदियों पर बाँधों का निर्माण, बाढ़ों को रोकने तथा सिचाँई को सुचारु रूप से लागू करने में प्रयोग होता है।

पन विजली से हानियाँ निम्न प्रकार हैं

  • (i) बाँधों के जल में डूबने के कारण बड़े-बड़े पारिस्थितिक तंत्र नष्ट हो जाते हैं।
  • (ii) वाँधों के निर्माण से बहुत-सी कृषि योग्य भूमि तथा मानव आवास डूबने के कारण नष्ट हो जाते हैं।
  • (iii) इनके निर्माण से पानी के तेज बहाव से भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है, जिसका प्रभाव फसलों पर पड़ता है।
  • (iv) बाँधों का निर्माण सभी स्थानों पर न होकर केवल पहाड़ी क्षेत्रों में होता है।
  • (v) बाँधों के निर्माण से पेड़-पौधे, वनस्पति आदि जल में डूब जाते हैं। वे अवायवीय परिस्थितियों (anaerobic conditions) में सड़ने लगते हैं और विघटित होकर विशाल मात्रा में मेथेन गैस उत्पन्न करते हैं, जोकि एक ग्रीन हाऊस गैस है।
  • (vi) बाँधों के निर्माण से विस्थापित लोगों के संतोषजनक पुनर्वास व क्षतिपूर्ति की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • (vii) गंगा नदी पर टिहरी बाँध परियोजना तथा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध परियोजना का विरोध इसी प्रकार की समस्याओं के कारण हुआ था ।

Read Also :- 

जल विद्युत उत्पन्न करने का सिद्धान्त FAQ  :- 

1. 1 kwH कितने जूल के बराबर होते हैं:-
A. 1000 जूल
B. 3.6 ×10⁵ जूल
C. 3.6×10⁶ जूल
D. 3.6× 10³ जूल

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { C. 3.6 ×10⁶ जूल }

2)1HP(horse power) का मान किसके बराबर होते हैं:-
A. 500वाट
B. 240 वाट
C. 340 वाट
D. 746 वाट

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { 4. 746 वाट }

3) किसी h मीटर उँचाई पर स्थित वस्तु मे संचित होती है:-
1.स्थितिज उर्जा
2.गतिज उर्जा
3.गुरुत्व उर्जा
4.चुम्बकीय उर्जा

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { 1. स्थितिज उर्जा }

4) शक्ति का SI मात्रक है:-
1.वाट
2.जूल
3.टेसला
4.ओम

Click to show/hide

उत्तर ⇒ { 1. वाट }

5) कार्य का SI मात्रक है:-
1. वाट
2.जूल
3.टेसला
4. ओम

उत्तर ⇒ ???????

Q. ऊर्जा के 3 प्रकार कौन से हैं?

  • ऊर्जा के विभिन्न रूप | यांत्रिक ऊर्जा |गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा |

Q. जल विद्युत ऊर्जा से ताप विद्युत ऊर्जा का क्या अंतर है?

जल विद्युत में एक बड़े स्थान पर एक डैम बनाया जाता है, जो बारिश का पानी संग्रह करता है। संग्रहित पानी को ऊंचाई से टरबाइन पर गिराया जाता है, इससे टरबाइन घूमता है और बिजली बनाता है। ताप विद्युत कोयला जलाकर भाप बनाता है।

Q. जलविद्युत प्रणाली का मूल सिद्धांत क्या है?

जलविद्युत उत्पादन गिरते पानी के गुरुत्वाकर्षण से होता है। जल स्तर में वृद्धि से पानी की संभावित ऊर्जा में वृद्धि होती है, इसलिए जल विद्युत संयंत्र में अधिक विद्युत शक्ति उत्पादित की जा सकती है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Leave A Comment For Any Doubt And Question :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *