प्रक्षेप्य गति क्या है , परिभाषा
प्रक्षेप्य गति क्या है , परिभाषा ( Projectile motion notes in hindi )
प्रक्षेप्य गति (Projectile motion)
- कोई पिण्ड आकाश में निश्चित वेग से फेंके जाने के पश्चात् यह पृथ्वी के गुरूत्वीय क्षेत्र में स्वतन्त्रापूर्वक गति करता है तब उसे प्रक्षेप्य कहते हैं तथा पिण्ड की गति प्रक्षेप्य गति कहलाती है। गति के दौरान पिण्ड पर एक नियत बल (जैसे पृथ्वी का गुरूत्वीय बल) जिसका परिमाण तथा दिशा अपरिवर्तित रहते हैं, कार्यरत होता है। सर्वप्रथम गैलीलियो ने अपने लेख डायलॉग ऑन दि ग्रेट वर्ल्ड सिस्टम (Dialogue on the great world system (1632)) में प्रक्षेप्य गति के क्षैतिज तथा ऊर्ध्वाधर घटकों की स्वतंत्र प्रकृति का उल्लेख किया था।
प्रक्षेप्य गति की परिकल्पनाएँ (Assumptions of Projectile Motion)
पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र के अन्तर्गत प्रक्षेप्य गति का अध्ययन सरल रूप में करने के लिए निम्नलिखित दो परिकल्पनाएँ की जाती हैं –
- गति की परास में, गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का मान नियत तथा दिशा सदैव ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर होती है।
- वायु का अवरोध (air resistance) नगण्य है।
- इन परिकल्पनाओं के अन्तर्गत ही प्रक्षेप्य पथ परवलयाकार (Parabolic) होता है।
- प्रक्षेप्य पथ के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा, उस बिन्दु पर प्रक्षेप्य के वेग की दिशा प्रदर्शित करती है। प्रक्षेप्य गति में यह तथ्य भी महत्त्वपूर्ण है कि प्रक्षेप्य की क्षैतिज गति तथा ऊर्ध्वाधर गति, एक-दूसरे पर निर्भर नहीं करती है तथा एक गति का दूसरी गति पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
- उदाहरण-पृथ्वी की सतह से किसी कोण पर फेंके गये पिण्ड की गति, क्षैतिज गति करते वायुयान से गिराये गये बम की गति, फेंके गये भाले की गति, धनुष से छोड़ा गया तीर आदि।
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