राजस्थान के प्रमुख त्यौहार/पर्व
राजस्थान के प्रमुख त्यौहार/पर्व
rajasthan ke parmukh tyohar
चैत्र माह
- राजस्थान में वर्ष का प्रारम्भ चैत्र प्रतिपदा से माना जाता है।
शुक्ल पक्ष
- प्रथमा : नववर्ष प्रतिपदा-हिन्दू धर्म के विक्रम सम्वत का प्रारम्भ (नव संवत्सर), बसंत नवरात्रा प्रारम्भ, अरुन्धती व्रत, करणी माता मेला देशनोक में प्रारम्भ ।
- द्वितीया : सिंजारा-पुत्री व पुत्रवधू के प्रति प्रेम का प्रतीक सिंजारा गणगौर के एक दिन पूर्व भेजा जाता है जिसमें पुत्री व पुत्रवधु के शृंगार व सुहाग की वस्तुएँ होती है।
- तृतीया : गणगौर-पूजन चैत्र कृष्णा प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर इस दिन गणगौर तक चलता है।
- चतुर्थी : गुड़ी पड़वा-सिंधियों का त्यौहार
- पंचमी : रंगपचंमी-1-5 तक रामस्नेही सम्प्रदाय का फूलडोल मेला’ शाहपुरा (भीलवाड़ा) में।
- अष्टमी : दुर्गाष्टमी/अशोकाष्टमी (अशोक वृक्ष का पूजन) करोली में कैलादेवी मेला।
- नवमी : रामनवमी (श्रीराम जयंती), नवरात्रा समाप्त।
- त्रयोदशी : महावीर जयंती-महावीरजी का मेला चार दिन (करौली)।
- चतुर्दशी :संत पीपाजी जयंती, हर्षनाथ भैरूजी का मेला (सीकर)।
- पूर्णिमा : हनुमान जयंती-चूरू में सालासर बालाजी का मेला।
वैशाख माह
कृष्ण पक्ष
- ग्यारस : वल्लभाचार्य जयंती।
- अमावस्या : सीताबाड़ी मेला-बाराँ (सहरियों का कुंभ)।
शुक्ल पक्ष
- तृतीया : आखातीज (अक्षय तृतीया), परशुराम जयन्ती, कृषकों द्वारा सात अन्नों व हल की पूजा, अबूझ सावा।
- पंचमी : रामानुजाचार्य, शंकराचार्य एवं सूरदास की जयंतियाँ
- चतुर्दशी : नरसिंह जयंती (नरसिंह अवतार)।
- पूर्णिमा : बुद्ध जयंती, गौतमेश्वर मेला (अरनोद, प्रतापगढ़), मातृकुण्डिया मेला (राशमी, चित्तौड़)।
ज्येष्ठ माह
कृष्ण पक्ष
- अमावस्या : वट सावित्री पूजा/बड़मावास, सीतामाता मेला (चित्तौड़)।
शुक्ल पक्ष
- ग्यारस : भीम ग्यारस, निर्जला एकादशी।
- पूर्णिमा : कबीर जयंती।
आषाढ़ माह
शुक्ल पक्ष
- द्वितीया : जगन्नाथपुरी यात्रा, माकड़ जी का मेला (अजमेर)।
- नवमी : भड़ल्या नवमी।
- ग्यारस : देवशयनी ग्यारस, हरिप्रबोधनी एकादशी, विष्णु शयनोत्सव, चातुर्मास प्रारम्भ ।
- पूर्णिमा : गुरु पूर्णिमा।
श्रावण माह
कृष्ण पक्ष
- चतुर्थी : वत्स चतुर्थी (गाय व बछड़े की पूजा)।
- पंचमी : नागपंचमी-सर्प (नागदेवता) की पूजा।
- नवमी : निडरी नवमी (नेवले की पूजा)।
- ग्यारस : कामदा एकादशी (विष्णु)।
- अमावस्या – हरियाली अमावस्या, डिग्गी-कल्याणजी (टोंक) का मेला। मांगलियावास मेला (अजमेर)-कल्पवृक्ष के जोड़े का पूजन।
शुक्ल पक्ष
- तृतीया : श्रावणी/हरियाली/छोटी तीज/झूलातीज/मधुश्रवातीज, तीज मेला व तीज की सवारी (जयपुर), त्योहारों का शुभारम्भ इसी दिन से माना जाता है, इस हेतु एक उक्ति प्रचलित है-‘तीज त्योहार बावड़ी, ले डूबी गणगौर ।’ अर्थात् तीज से गणगौर तक राजस्थान के अधिकांश त्योहार मनाये जाते हैं।
- पूर्णिमा : रक्षाबंधन (नारियल पूर्णिमा), सप्त ऋषि व माण्डने का पूजन, गायत्री जयंती, संस्कृत दिवस।
भाद्रपद माह
कृष्ण पक्ष
- तृतीया : कजली तीज/सातुड़ी तीज/बड़ी तीज/गौरीव्रत/बूढ़ी तीज (चन्द्रमा और उसकी पत्नी रोहिणी की पूजा), नीम की पूजा।
- छठ : हलछठ (ऊब षष्ठ), चन्दन षष्ठी व्रत।
- सप्तमी : बड़ी सातम (थदड़ी)-सिन्धी त्योहार।
- अष्टमी : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी।
- नवमी : गोगा नवमी, गोगामेड़ी का मेला (हनुमानगढ़)।
- दशमी : मेवाड़ में गौरी पूजा प्रारम्भ आश्विन शुक्ला नवमी तक।
- ग्यारस :पर्युषण प्रारम्भ (जैन धर्म)।
- द्वादशी : बछ बारस/वत्स द्वादशी/वैदिक धेनु द्वादशी।
- अमावस्या – सानियाँ अमावस, बुड्ढ़ा जोहड़ में मेला।
शुक्ल पक्ष
- द्वितीया : बाबा रामदेव मेला प्रारम्भ (रामदेवरा)
- तृतीया : हरियाली (हरितालिका) तीज, उमा महेश की पूजा, रोट तीज (जैन)।
- चतुर्थी : गणेश चतुर्थी/शिवा चतुर्थी, चूंधी जैन तीर्थ (जैसलमेर) मेला, पाण्डुपोल मेला (अलवर)।
- पंचमी : ऋषि पंचमी (बृहस्पति की पूजा)।
- सप्तमी : दशलक्षण पर्व (जैन), देवनारायणजी का मेला।
- अष्टमी : राधाष्टमी, दधीचि जयंती, भर्तृहरि मेला (अलवर), निम्बार्क सम्प्रदाय का सलेमाबाद मेला।
- नवमी : खेजड़ली का वृक्ष मेला (1994 से शुरू)।
- दशमी : धूप-सुगंध दशमी, विश्वकर्मा जयंती (यंत्र औजार की पूजा), तेजा दशमी।
- ग्यारस : जल झूलनी, देव झूलनी ग्यारस, रेवाड़ी ग्यारस, विष्णु परिवर्तनोत्सव, फूलडोल मेला–चारभुजाजी (राजसमंद) में।
- चतुर्दशी : अनंत चतुदर्शी पर्व (पुरुषों का व्रत)।
- पूर्णिमा : श्राद्ध पक्ष प्रारम्भ (आश्विन) अमावस्या तक (16 दिन)।
आश्विन (आसोज) माह
कृष्ण पक्ष
- प्रथमा : क्षमावाणी पर्व (जैन धर्म)।
- नवमी : मातृनवमी श्राद्ध।
- अमावस्या : सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध, जाम्भोजी का मेला-मुकाम बीकानेर)।
शुक्ल पक्ष
- प्रथमा : शरद नवरात्रा प्रारम्भ, मातामह श्राद्ध।
- चतुर्थी : भलका चौथ (मेवाड़)।
- अष्टमी : दुर्गाष्टमी, होम अष्टमी।
- दशमी : विजयादशमी (दशहरा), पाबूजी का मेला (कोलूमण्ड, जोधपुर), मेहन्दीपुर बालाजी मेला (दौसा), शस्त्र, अपराजिता, अश्मंतक (आपटा), खेजड़ी (शमी) सीमा (देशान्तर गमन), लीलटास पक्षी इत्यादि की पूजा।
- पूर्णिमा : (शरद पूर्णिमा) कार्तिक स्नान प्रारम्भ, क्षीरोत्सव (खीर), वाल्मीकि जयंती/रास पूर्णिमा/कृषक भूमि पूजा, इस दिन चन्द्रमा षोडश कलाओं से पूर्ण होता है। मानगढ़ पहाड़ी पर सम्प सभा दिवस, मारवाड़ महोत्सव।
कार्तिक माह
कृष्ण पक्ष
- चतुर्थी : करवा चौथ (करक चतुर्थी) प्रतीक-चीनी या मिट्टी से बने करवे की पूजा स्त्रियों द्वारा पति की दीर्घायु के लिए की जाती है।
- अष्टमी : अहोई अष्टमी-स्त्रियों का व्रत।
- त्रयोदशी : धनतेरस (धन्वन्तरी जयंती) प्रतीक-मिट्टी का चौमुखा दीपक।
- चतुर्दशी : रूप चतुर्दशी।
- अमावस्या : दीपावली, महालक्ष्मी पूजन, महावीर निर्वाण दिवस, दयानंद पुण्यतिथि।
शुक्ल पक्ष
- प्रथमा : गोवर्धन पूजा (अन्नकूट), ‘रामा सामा’ का दिन ।
- द्वितीय : भैया दूज, यम द्वितीया।
- पंचमी : लाभ पंचमी–दीपावली के बाद व्यापारिक प्रतिष्ठान पुनः इसी दिन खुलते हैं।
- छठ : डाला षष्ठ।
- अष्टमी : गोपाष्टमी।
- नवमी : आँवला नवमी (अक्षय नवमी)।
- ग्यारस : देवोत्थान एकादशी (देव प्रबोधिनी), मांगलिक कार्य प्रारम्भ होते हैं, तुलसी विवाह।
- पूर्णिमा : गुरु नानक जंयती/त्रिपुर पूर्णिमा-सालासर बालाजी का मेला, कपिल मुनि का मेला, कोलायत (बीकानेर) एवं चन्द्रभागा मेला, (झालरापाटन), गंगा स्नान व दीपदान, पुष्कर मेला समाप्त।
मार्गशीर्ष मंगसर माह
कृष्ण पक्ष
- अष्टमी : काल भैरव अष्टमी।
शुक्ल पक्ष
- ग्यारस : मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती।
पोष माह
कृष्ण पक्ष
- दशमी : पार्श्वनाथ जयंती (23वें तीर्थंकर), शिशिर ऋतु प्रारम्भ ।
शुक्ल पक्ष
- चतुर्दशी : शाकम्भरी जयंती, गुरु गोविन्द सिंह जयंती, लोहड़ी।
- पूर्णिमा : माघ स्नान प्रारम्भ ।
माघ माह
कृष्ण पक्ष
- चतुर्दशी : तिल चौथ, गणेशजी व चौथ माता की पूजा ।
- अमावस्या : मौनी अमावस्या (मनु का जन्म दिवस) बिना बोले प्रात:काल जल्दी स्नान करने की परम्परा।
शुक्ल पक्ष
- पचमी : बसंत पंचमी (बसंत ऋतु प्रारम्भ), सरस्वती जयंती, कामदव व रति का प्रधान पूजन, दशलक्षण पर्व (जैन)।
- पूर्णिमा : गंगा स्नान, वेणेश्वर जी का मेला (इंगरपुर)।
फाल्गुन माह
कृष्ण पक्ष
- त्रयोदशी : शिवरात्रि, रामेश्वर मेला (बूंदी), शिवाड़ मेला (सवाई माधोपुर), सौरत त्रिवेणी मेला (माण्डलगढ़, भीलवाड़ा)।
- अमावस्या : जाम्भोजी का मेला-तालवा मुकाम (बीकानेर)।
शुक्ल पक्ष
- अष्टमी : दादू दयाल जयंती, होलाष्टक प्रारम्भ ।
- ग्यारस आमलकी : ढूँढ़ की पूजा, खाटू श्यामजी का मेला प्रारम्भ (सीकर), धूणी के रणछोड़ जी (बाँसवाड़ा) का मेला प्रारम्भ ।
- पूर्णिमा : होली, होलिका दहन, चैतन्य महाप्रभु जयंती, हाथी
- उत्सव-जयपुर, मेहन्दीपुर बालाजी का मेला (दौसा)।
कृष्ण पक्ष
- प्रथमा : धूलण्डी।
- द्वितीया : तुकाराम जयंती।
- पंचमी : रंगपंचमी।
- अष्टमी : शीतला अष्टमी (चेचक की माता), बास्योड़ा (मारवाड़ में सप्तमी को), केसरियाजी (ऋषभदेव) धूळेव मेला (उदयपुर), चाकस (शील की डूंगरी) मेला, मारवाड़ में घुड़ला अष्टमी का मेला।
- नवमी : ऋषभदेव जयंती (प्रथम जैन तीर्थंकर)।
- ग्यारस : मल्लीनाथ जी का मेला-तिलवाड़ा (बाड़मेर)।
- त्रयोदशी : रंग तेरस।
- अमावस्या : घोटिया-अम्बा मेला (बाँसवाड़ा)।
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