sanghnan kise kahate hai
संघनन किसे कहते हैं इसकी परिभाषा, प्रकार (sanghnan kise kahate hai)

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संघनन (Condensation) –

  • जल की गैसीय अवस्था के तरल या ठोस अवस्था में बदलने की क्रिया को संघनन कहते हैं । संघनन की क्रिया वायुमण्डल में स्थित सापेक्षिक आर्द्रता की मात्रा पर निर्भर करता है । जिस तापक्रम पर हवा संतृप्त होती है उसे ओसांक या ओस बिन्दु कहते हैं। यदि वायु का तापमान ओसांक के नीचे चला जाये अथवा जलवाष्प की मात्रा बढ़ जाये तो संघनन शुरू होता है । यह दो दशाओं में होता है-
    (1) ताप में कमी होने की दशा में ।
    (2) आर्द्रता में वृद्धि होने से ।
  • संघनन के लिए सर्वाधिक अनुकूल परिस्थिति तापमान में गिरावट के कारण उत्पन्न होती है ।

संघनन के रूपः

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  • संघनन के प्रमुख रूप ओस, पाला, बादल, कोहरा आदि है ।

(1) ओस: –

  • दिन के समय पृथ्वी गर्म हो जाती है तथा रात्रि में ठण्डी, अतः कभी—–कभी पृथ्वी का तल इतना अधिक ठण्डा हो जाता है कि उससे छूने वाली वायु का तापमान ओसांक से नीचे गिर जाता है। इससे वायु में उपस्थित जलवाष्प का संघनन हो जाता है तथा वह छोटी-छोटी बूँदों के रूप में पौधों की पत्तियों तथा अन्य प्रकार के तलों पर जम जाती है । इसे ओस कहते हैं । ओस बनने के लिए आवश्यक है कि (1) वायु में जलवाष्प हो और साथ ही (2) धरातल का तापमान इतना कम हो जाए कि वह वायु को ठण्डा करके वाष्प को धनीभूत कर सके ।

(2) पालाः –

  • जब वायु में उपस्थित जलवाष्प धनीभूत हो रहा है और वायु का तापमान 0°C हो या इससे कम हो तो जलवाष्प ओस का रूप न लेकर ठोस (हिमकण ) का रूप लेने लगता है यही पाला है। पाला बनने के लिए आवश्यक है कि वायु का ताप शीघ्रता से व लम्बे समय तक गिरता रहे तथा आकाश मेघ रहित हो व वायु में जलवाष्प रहे तथा वायु का तापमान हिमांक से नीचे आ जाये ।

(3) कोहरा : –

  • इसकी उत्पत्ति धरातल के निकट जलवाष्प के संघनन होने से होती है। कोहरा वायुमण्डल की पारदर्शिता कम कर देता है। धरातल या वायुमण्डल की दृश्यता जब एक किलोमीटर से कम हो जाती है तो संघनित जलवाष्प के इस रूप को ‘कोहरा’ कहते हैं। कोहरे के लिए आवश्यक है तापमान का ओसांक से नीचे गिरना तथा मन्द गति से पवन का प्रवाह | के आधार पर कोहरा निम्न प्रकार का होता है- हल्का, साधारण, सघन तथा अति सघन । कोहरे की दृश्यता का मापन ‘टांसमिसोमीटर’ (Transmissometer) यंत्र द्वारा किया जाता है । दृश्यता अत्यधिक कम होने की दशा को ‘कुहासा’ (Mist) या धुंध कहा जाता है ।

(4) बादल / मेघः –

  • वायुमण्डल में काफी ऊँचाई पर खुली स्वच्छन्द हवा में जलवाष्प के संघनन से बने कणों या हिमकणों की विशाल राशि को बादल कहा जाता है । बादल अधिकतम 12000 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं। बादल का निर्माण पृथ्वी की सतह से कुछ ऊँचाई पर होता है इसलिए ये अलग-अलग आकार के होते हैं । अतः इनकी ऊँचाई, घनत्व, विस्तार तथा पारदर्शिता के आधार पर बादलों को निम्न रूपों में विभाजित किया गया है—
  • (i) पक्षाभ मेघ
    (ii) कपासी मेघ
    (iii) स्तरी मेघ
    (iv) वर्षा मेघ ।
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संघनन (Condensation) FAQ –

Q 1. संघनन किसे कहते हैं? Condensation in hindi
 
Ans :- जब कोई गैस तरल पदार्थ में परिवर्तित होती है तब इस स्थिति को संघनन (Condensation) कहा जाता है। अर्थात संघनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई गैस संगठित होकर अर्थात ठंडी होकर द्रव अवस्था में बदल जाती है संघनन कहलाता है।

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