महाद्वीप एवं महासागर की उत्पत्ति (The Origin of Oceans and Continents in hindi)
महाद्वीप एवं महासागर की उत्पत्ति (The Origin of Oceans and Continents in hindi)
Mahadeep aur Mahasagar ki Utpatti in Hindi
- महाद्वीप एवं महासागर प्रथम श्रेणी के उच्चावच हैं उनकी उत्पत्ति व विकास के विषय में अनेक विद्वानों ने अलग-अलग सिद्धान्त प्रस्तुत किए हैं जिनमें दो सर्वाधिक स्वीकार्य व वैज्ञानिक सिद्धान्त ‘महाद्वीपीय विस्थापन’ व ‘प्लेट विवर्तनिक सिद्धान्त’ को माना गया हे।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त (Continental Drift Theories) –
- यद्यपि महाद्वीपीय विस्थापन का विचार 1620 में फ्रांसिस बेकन, 1885 में स्नाइडर व 1910 में एफ. जी. टेलर ने प्रस्तुत किया था परन्तु सिद्धान्त रूप में इसका प्रतिपादन 1912 में जर्मन अल्फ्रेड वेगनर ने किया था। वेगनर एक जलवायुवेत्ता थे, जो भूतकाल में हुए जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान चाहते थे। अण्टार्कटिका में कोयले की परतों की उपस्थिति एवं मरूस्थलों में हिमावरण के लक्षणों के मिलने के कारणरूप में वेगनर के सामने दो विकल्प थे :
1. जलवायु कटिबन्धों का स्थानान्तरण हुआ व स्थल भाग स्थिर रहे ।
2. जलवायु कटिबन्ध स्थिर रहे व स्थल भागों का स्थानान्तरण हुआ । - वेगनर ने दूसरे विकल्प को अपनी परिकल्पना का आधार बनाते हुये स्पष्ट किया की कार्बोनिफेरस युग में समस्त महाद्वीप एक स्थलखण्ड के रूप में स्थित थे, जिसे उन्होंने ‘पेंजिया’ कहा । इसके चारों ओर विशाल महासागर था, जिसे वेगनर ने पेंथालासा कहा। (चित्र सं. 5.1) वेगनर के अनुसार सियाल निर्मित यह ‘पेंजिया, अगाध सागरीय तली जिसे उन्होंने ‘सीमा’ कहा है पर निर्बाध रूप से तैर रहा था। कार्बोनिफेरस युग में पेंजिया का विभाजन हुआ ।
- प्रथम विभंजन में टैथिस भूसन्नति बनी, जिसके उत्तर में स्थित भाग को अंगारालैण्ड (लोरेशिया) तथा दक्षिणी भाग को गोंडवाना लैण्ड कहा गया। कालान्तर में इनके क्रमशः विखण्डन व विखण्डित भागों के विषुवत् रेखा व पश्चिम की ओर प्रवाह से महाद्वीपों की वर्तमान स्थिति बनी। वेगनर ने महाद्वीपों के दो दिशाओं में प्रवाह के लिए निम्न बलों को उत्तरदायी माना ।
1. गुरूत्वाकर्षण और प्लवनशीलता बल – इनसे भू–भागों का प्रवाह भूमध्यरेखा की ओर हुआ जिससे भारत, आस्ट्रेलिया, मेडागास्कर व अण्टार्कटिका का निर्माण हुआ ।
2. ज्वारीय बल – इससे भू-भागों का प्रवाह पश्चिम की ओर हुआ जिससे उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका बने ।
- वेगनर के अनुसार उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका के अलग होने से उस रिक्त स्थान पर अंधमहासागर तथा आस्ट्रेलिया, अण्टार्कटिका के पृथक होने से रिक्त स्थान पर हिन्द महासागर तथा शेष बचा पेंथालासा प्रशान्त महासागर कहलाता है। (चित्र सं. 5.2)
महाद्वीपीय विस्थापन के पक्ष में प्रमाण
1. भौगोलिक प्रमाण (Geographical Evidences) –
- (अ) अटलाण्टिक तटों में साम्य स्थापन (JIG-SAW- FIT in Atlantic Coast) – अटलाण्टिक महासागर के पूर्व व पश्चिम तटों में अद्भूत साम्य स्थापना है। अटलाण्टिक महासागर के दोनों तटों को पुनः परस्पर सटाया जा सकता है। इसे वे JIG-SAW-FIT का नाम देते हैं । उनके अनुसार पश्चिम अफ्रीकी उभार (West African Bulge) कैरीबियन सागर में तथा दक्षिण अमेरिका का उत्तरी-पूर्वी भाग गिनी की खाड़ी में सटाया जा सकता । (चित्र सं. 5.3)
- (ब) पर्वतों का संरेखन (Alignment Mountains)— यदि विस्थापित महाद्वीपों को सटाकर देखा ये तो सभी युग की पर्वतमालाओं के संरेखण में काफी समानता देखने को मिलती है यह संरेखण केलोडियन, हर्सीनियन अल्पाइन आदि सभी पर्वतमालाओं में देखने को मिलता है । (चित्र सं. 5.4)
- (स) नवीन मोड़दार पर्वतों की उत्पत्ति वेगनर ने रॉकीज, एण्डीज, आल्पस एवं हिमालय पर्वतों वाले स्थान पर भूसन्नितयों के विद्यमान होने की कल्पना की है। जिनमें जमा तलछट पर दबाव पड़ने से मोड़दार पर्वतों का उद्भव हुआ ।
(2) भूगर्भिक प्रमाण (Geological Evidences)
- (अ) संरचनात्मक समानता (Structural Similarities): अटलाण्टिक महासागर के दोनो ओर के तटीय क्षेत्रों की शैल संरचना में समानता से प्रमाणित होता है कि ये दोनों तट कभी सटे हुए थे । थे।
- (ब) स्तर विन्यास की समानता (Stratigraphical Similarities ): अटलाण्टिक महासागर के दोनों तटों की चट्टानों की विभिन्न परतों के क्रम में पाई जाने वाली समानता उनके कभी सटे हुए होने के प्रमाण है ।
(3) भू- ज्यामितिय प्रमाण (Evidences of Geodesy) –
- भूज्यामितीय अध्ययनों से ऐसे प्रमाण मिले हैं कि ग्रीनलैण्ड धीरे-धीरे कनाडा की ओर विस्थापित हो रहा है जो महाद्वीप विस्थापन को प्रमाणित करता है ।
(4) जैविक प्रमाण (Biological Evidences)
- (अ) पुराजीवाश्मीय प्रमाण (Paleontological Similarities): अटलाण्टिक महासागर के दोनों तटों पर समान प्रजाति व प्रकार के जीवाश्म के प्रमाण यह प्रमाणित करते हैं कि दोनों तट कभी सटे हुए थे । (चित्र सं. 5.5)
- (ब) जैविक स्वभाव (Biological habits): जीवशास्त्रियों के शोध के अनुसार नार्वे में लैमिग (Liming) नामक जन्तु पश्चिम की ओर चलते-चलते अटलाण्टिक महासागर में डूबकर मर जाते हैं इसका कारण यह माना गया है कि उनकी यह आदत उस काल की है जब उत्तरी अमेरिका यूरोप से सटा हुआ था और वही आदत आज भी है ।
(5) पुराजलवायु की प्रमाण (Paleoclimatological Evidences) –
- कार्बोनिफेरस युग के हिमानीकरण के प्रभाव भारत, द. अमेरिका, अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त होना। यह तभी सम्भव हो सकता है, जब ये एक रहे हों ।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त की आलोचनाएँ –
1. भौगोलिक आलोचना (Geographical Criticism)-
- (अ) अटलाण्टिक तटों में साम्य स्थापन दोषपूर्ण हैं, क्योंकि ब्राजिल के तट को गिनी की खाड़ी से मिलाने पर 15°C का अन्तर शेष रहता है ।
- (ब) ‘मध्य अटलाण्टिक कटक’ दोनों तटों को सटाने में बाधक है, जिसका वेगनर ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया ।
- (स) इस सिद्धान्त की दो प्रक्रियाऐं विस्थापन एवं वलन परस्पर विरोधाभासी हैं एक ओर वेगनर के अनुसार सियाल रूपी महाद्वीप सीमा में तैर रहे हैं जबकि दूसरी ओर उन्होंने बताया कि जमे हुए तलछट में विस्थापन के फलस्वरूप बढ़ते दबाव के कारण वलन पड़े ।
2. भूगर्भिक आलोचना (Geographical Criticism) –
- भूगर्भशास्त्रियों के अनुसार अटलाण्टिक तटों पर संरचनात्मक व स्तर विन्यास की केवल आंशिक समानताएं हैं । अतः इन्हें पूर्ण प्रमाण नहीं माना जा सकता है।
3. भूगणितीय आलोचना (Geodesical Criticism) –
- वैगनर के अनुसार पश्चिम की ओर विस्थापन सूर्य व चन्द्रमा के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण होता है। जबकि गणितज्ञों सिद्ध किया है कि अमेरिका को पश्चिम की ओर विस्थापत करने के लिये जितने गुरूत्वाकर्षण बल की आवश्यकता होगी वह वर्तमान बल से दस अरब गुना अधिक होना चाहिए । गणितज्ञ आलोचकों का मानना है कि इतने बल का होना असम्भव है, तथापि यदि इसे सम्भव मान भी लिया जाए तो उतने अधिक बल के कारण पृथ्वी की परिभ्रमण गति ही बाधित हो जायेगी ।
4. जैविक आलोचना (Biological Criticism) –
- समकालीन जीवाश्म के प्रमाण को आलोचक आंशिक प्रमाण ही मानते हैं।
5. पुराजलवायु की आलोचना (Paleoclimatological Criticism) –
- स्टीयर्स ने बताया है कि उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका, यू. एस. ए. में बोस्टन क्षेत्र (जो उस समय भूमध्य रेखा पर था) व अलास्का में टाइलाइट जैसे हिमयुगीन निक्षेप पाये जाते हैं। वेगनर के अनुरूप महाद्वीपीय पुर्नगठन (Reconstruction) से स्टीयर्स द्वारा इंगित विसंगति का स्पष्टीकरण नहीं मिलता है ।
- अनेक कमियों के बावजूद भी इस सिद्धान्त की महत्ता इस कारण है कि इसने सर्वाधिक वैज्ञानिक सिद्धान्त – प्लेट विवर्तनिकी के लिए एक आधार प्रस्तुत किया जो महाद्वीपीय विस्थापन की ही बात को पुष्ट करता है।
Origin of Oceans and Continents in hindi Questions And Answers in Hindi
प्रश्न 1. पैन्जिया के चारों ओर फैला हुआ महासागर था
(अ) अटलाण्टिक
(ब) पैन्थलासा
(द) टैथीस
(स) आर्कटिक
Click to show/hide
उत्तर ⇒ { B }
प्रश्न 2. वैगनर के अनुसार महाद्वीपों का विस्थापन जिन दिशाओं की ओर हुआ, वे हैं
(अ) दक्षिण व उत्तर
(ब) पूर्व व भूमध्यरेखा
(द) उत्तर व पश्चिम
(स) पश्चिम व भूमध्य रेखा
Click to show/hide
उत्तर ⇒ { C }
प्रश्न 3. केवल प्लेट विवर्तनिकी से सम्बन्धित तथ्य है
(अ) साम्यस्थापन
(ब) पेजिया
(द) टिथीस
(स) आर्कटिक
Click to show/hide
उत्तर ⇒ { D }
प्रश्न 4. पेंजिया जिससे निर्मित था
(अ) सियाल
(ब) सीमा
(द) निफे
(स)सियाल एवं सीमा
Click to show/hide
उत्तर ⇒ { A }
प्रश्न 5. प्लेट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया
(अ) फिन्च
(ब) टूजो विल्सन
(द) वेगनरे
(स) ग्रिफिथ टेलर
Click to show/hide
उत्तर ⇒ { B }
Read Also This