श्यानता (viscosity) And श्यानता गुणांक | ExamSector
श्यानता (viscosity) And श्यानता गुणांक

श्यानता (viscosity) And श्यानता गुणांक

viscosity and Coefficient of viscosity Notes in Hindi

श्यानता (viscosity) :-

  • किसी द्रव या गैस की पर्त् की दूसरी पर्त् पर फिसलने पर उनके मध्य घर्षण बल लगता है जो उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करता है |
  • श्यानता केवल द्रवों तथा गैसों का गुण है | द्रवों में श्यातना अणुओं के मध्य लगने वाले संसंजको बलों के कारण होती है | जब द्रव की विभिन्न पर्तों के मध्य आपेक्षित गति होती है | जब द्रव की विभिन्न पर्तों के मध्य आपेक्षित गति होती है तो द्रव के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ती है जिसका संसंजक बल विरोध करता है फलस्वरूप श्यानता की उत्पति होती है | इसके विपरीत गैसों में श्यानता इसकी एक पर्त् से दूसरी पर्त् मर अणुओं के स्थानातंरण के कारण होती है | ठोसों में श्यानता नहीं होती है क्योकि उसकी विभिन्न पर्तों में आपेक्षिक गति नहीं होती है |
  • श्यानता का दूसरा मतलब गाढ़ापन भी है | जो द्रव जितने अधिक गाढ़े होते है वे उतने ही अधिक श्यान होते है | शहद और ग्लिसरीन की श्यानता पानी की तुलना में अधिक होती है | यदि एक बरतन में शहद एवं दुसरे बरतन में पानी लेकर बारी बारी से हिलाकर छोड़ दें, तो शहद पानी की अपेक्षा जल्दी रुक जाता है | वायु की श्यानता के कारण ही बादल के कण बहुत धीरे धीरे नीचे आ पाते है तथा बादल आकाश में तैरते प्रतीत होते है |

श्यानता पर ताप का प्रभाव :-

  • ताप बढ़ाने पर द्रव की श्यानता घट जाती है परन्तु गैसों की बढ़ जाती है | एक आदर्श तरल की श्यानता शून्य होती है | व्यवहार में ऐसा द्रव असम्भव है परन्तु जल आदर्श द्रव के निकटतम है |

श्यानता गुणांक (Coefficient of viscosity) :-

  • किसी तरल की श्यानता को श्यानता गुणांक द्वारा मापा जाता है |
  • अत: किसी द्रव का श्यानता गुणांक उस द्रव के अंदर एकांक क्षेत्रफल वाली दो पर्तों के बीच कार्य करने वाले श्यान बल के बराबर होती है, जब उन पर्तों के बीच एकांक वेग प्रवणता हो | श्यानता गुणांक का SI मात्रक डेकाप्वाइज (Decapoise)या प्वायजली (Poiseuile-PI) कहलाता है | इसे पास्कल सेकंड (Pa.s) भी कहते है | इसे प्राय ईटा द्वारा व्यक्त किया जाता है |

सीमांत वेग (terminal Velocity) :-

  • जब कोई वस्तु किसी श्यान द्रव में गिरती है तो प्रारंभ से उसका वेग बढ़ता जाता है किन्तु कुछ समय बाद वह वेग से गिरने लगती है | इस नियत वेग को ही वस्तु का सीमांत वेग कहते है | सीमांत वेग की स्थिति में वस्तु का भार , श्यान वल एवं उत्प्लावन बल के योग के बराबर हो जाता है, अत: उस वस्तु का त्वरण भी शून्य होता है | यह वेग वस्तु की त्रिज्या के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात् बड़ी वस्तु अधिक वेग से और छोटी वस्तु कम वेग से गिरती है | पैराशूट की सहायता से नीचे उतरता सैनिक सीमान्त वेग से पृथ्वी पर उतरता है | बादल आकाश में तैरते हुए प्रतीत होते है क्योकि बादल भाप के बहुत छोटे कणों से मिलकर बने है | इन कणों का सीमांत वेग बहुत ही कम होता है जिससे वे वायु की दिशा में वह जाते है जिससे उनका समूह तैरता हुआ सा प्रतीत होता है |

क्रांतिक वेग (Critical Velocity) :-

  • यदि द्रव के प्रवाह का वेग एक निश्चित वेग से कम होता है तो द्रव का प्रवाह धारारेखीय प्रवाह (streamline Flow) होता है अर्थात् द्रव का प्रत्येक कण उसी बिंदु से गुजरता है जिससे उसके पहले वाला कण गुजरा था | इस निश्चित वेग को ” क्रांतिक वेग ” कहते है | यह वेग नियमित होता है जिसमें किसी नियत बिंदु पर प्रवाह की चाल व उसकी दिशा निश्चित बनी रहती है | यदि द्रव वेग क्रांतिक वेग से अधिक होता है तो द्रव का प्रवाह धारारेखीय न रहकर विक्षुब्ध प्रवाह (Turbulent Flow) हो जाता है अर्थात् द्रव की गति अनियमित व उसका मार्ग टेढ़ा मेढ़ा या भंवरदार होता है | जैसे- बरसात में नदी नालों की गति |
  • जब द्रव के बहने का वेग क्रांतिक वेग से कम होता है तो उसका बहना मुख्यतया श्यानता पर निर्भर करता है और यदि द्रव के बहने का वेग क्रांतिक वेग से अधिक होता है तो द्रव का बहना मुख्यत: उसके घनत्व पर निर्भर करता है | उदाहरण के लिए ज्वालामुखी से निकला हुआ लावा बहुत अधिक गाढ़ा होने पर भी तेजी से बहता है क्योंकि उसका घनत्व अपेक्षाकृत कम होता है और घनत्व ही उसके वेग को निर्धारित करता है |

तरल प्रवाह (Flow of Fluids) :

  • धारारेखीय प्रवाह (Streamline Flow) :- जब द्रव का प्रत्येक कण प्रवाह के दौरान उसी बिंदु से उसके पहले वाला कण गुजरा था तो द्रव के ऐसे प्रवाह को धारारेखीय प्रवाह कहते है |

अविरतता का सिध्दांत (Principle of Continuty)-:

  • यदि कोई असंपीडय (incompressible) तथा अश्यान द्रव (non-viscous liquid) अर्थात् आदर्श द्रव असमान अनुप्रस्थ परिच्छेद वाली नली में बह रहा हो तथा उसका प्रवाह धारारेखीय हो, तो नली के प्रत्येक स्थान पर उसके अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफ़ल और द्रव के प्रवाह के वेग का गुणनफल सदैव नियत रहता है | इसे अविरतता का सिध्दांत कहते है | यदि नली के किसी स्थान पर उसके अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफ़ल A तथा द्रव के प्रवाह का वेग हो तो उस सिध्दांत के अनुसार —
    A.v = एक नियतांक
    दो भिन्न स्थानों के लिए , A1V1 = A2V2 = नियतांक
  • इस समीकरण से स्पष्ट है कि असमान अनुप्रस्थ परिच्छेद वाली नली के किसी बिंदु पर द्रव के प्रवाह की दर उस बिंदु पर अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफ़ल के व्युत्क्रमानुपाती होती है | अत: जहाँ नली चौड़ी होती है वहां द्रव प्रवाह का वेग कम तथा जहाँ पतली होती है, वहां द्रव प्रवाह का वेग अधिक होता है |

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Physics Questions in Hindi

1.सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है-
(a) शनि
(b) बृहस्पति
(c) मंगल
(d) प्लूटो [Bihar Polytechnic 2007]

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Answer = B 

2.निम्नलिखित में से कौन-सा एक तारा पृथ्वी के सर्वाधिक समीप है ?
(a) ध्रुवतारा
(b) धूमकेतु
(c) सूर्य
(d) लुब्धक

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Answer = C 

3.मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले शैल के छोटे टुकड़ों के समूह को क्या कहते हैं ?
(a) उल्का
(b) धूमकेतु
(c) उल्का पिण्ड
(d) क्षुद्र ग्रह

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Answer =  D

4. ‘हैली’ का धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा करता है
(a) 40 वर्षों में
(b) 46 वर्षों में
(c) 60 वर्षों में
(d) 76 वर्षों में

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Answer = D 

5. मनूष्य ने पहली बार किस वर्ष चांद पर कदम रखा ?
(a) 1963 ई०
(b) 1965 ई०
(c) 1969 ई०
(d) 1972 ई०

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Answer = C 

6.अंतरिक्ष यात्री को आकाश का रंग दिखाई देता है
(a) नीला
(b) लाल
(c) सफेद
(d) काला

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Answer = D 

7. ‘लाल ग्रह’ (Red Planet) के नाम से जाना जाता है
(a) बुध
(b) शुक्र
(b) शक
(c) मंगल
(d) शनि [Utt.B.Ed. 2013]

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Answer =  C

8.पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर कितने समय में पूरा करती है ?
(a) 360 दिन
(b) 364 दिन
(c) 365.25 दिन
(d) 24 घंटे

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Answer =  C

9. पेरिस स्थित अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) के माइनर प्लेनेट सेंटर ने प्लूटो को कौन-सा नया दिया है ?
(a) 134340
(b) 238380
(c) इरिस
(d) निक्स

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Answer =  A

10.मिथेन जिसके वायुमंडल में उपस्थित है, वह है
(a) चन्द्रमा
(b) सूर्य
(c) बृहस्पति
(d) मंगल [UPPSC, 2010]

उत्तर  :- ?????

इस प्रश्न का सही उत्तर क्या होगा? हमें अपना जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें।

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